नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल – दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने सैन्य शासन लागू कर दिया है ।
मंगलवार रात टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया की कम्युनिस्ट ताकतों से देश को बचाने के लिए यह कदम जरूरी है ।
सुत्रो ने बताया कि राष्ट्रपति योल ने कहा कि राष्ट्र-विरोधी तत्वों को खत्म करने का कोई अन्य विकल्प नहीं है। उन्होंने यह नहीं बताया कि सैन्य शासन कब तक रहेगा ।
राष्ट्रपति के भाषण के तुरंत बाद, दक्षिण कोरियाई सेना ने सभी राजनीतिक गतिविधियों और संसदीय कार्यवाही को निलंबित करने की घोषणा की।
सेना ने यह भी कहा है कि जो कोई भी किसी भी तरह की राजनीतिक सभा या सामाजिक रूप से ‘भ्रम’ फैलाने वाली गतिविधियों में शामिल होगा, उसे बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।
सुत्रो के हवाले से लिखा है, ”संसद सदस्यों को अब संसद भवन में प्रवेश करने से रोक दिया गया है.”।
सोशल मीडिया पर सार्वजनिक वीडियो में राजधानी सियोल में संसद भवन के बाहर सुरक्षा तैनाती बढ़ा दी गई है।
दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी पार्टी, डेमोक्रेटिक पार्टी, जिसके पास संसद में बहुमत है, ने राष्ट्रपति के इस कदम के बाद अपने सांसदों को संसद भवन के सामने इकट्ठा होने का आदेश जारी किया।
विपक्षी दल ने जवाब दिया कि राष्ट्रपति योल ने बिना किसी कारण के आपातकालीन सैन्य शासन लगाया।
राष्ट्रपति येओल की पीपुल्स पावर पार्टी के नेता हान डोंग ने भी उनके फैसले को गलत बताया और कहा कि वह लोगों के साथ मिलकर इसे रोकेंगे ।
इससे पहले दक्षिण कोरिया में 1979 में सैन्य शासन लागू किया गया था ।
क्राइम मुखबिर न्यूज
अपराध की तह तक !