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दुर्गा प्रसाई का बयान आज भी: भारतीय लोगों को रखकर नेपाली व्यापारियों को धमकाने का आरोप

नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

 काठमाण्डौ,नेपाल – झापा जिला के विवादास्पद चिकित्सा पेशेवर दुर्गा प्रसाई, जिन्हें केंद्रीय साइबर ब्यूरो से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीआईबी) में स्थानांतरित किया गया था, पर बयान आज दूसरे दिन जारी होने जा रहा है।

सीआईबी सूत्रों के मुताबिक, इस बात के कई सबूत मिले हैं कि जिस प्रसाई पर आपराधिक लाभ और संगठित अपराध के आरोप में जांच चल रही है, उसने भारत में व्यक्तियों का इस्तेमाल नेपाली व्यापारियों को धमकाकर उनसे पैसे वसूलने के लिए किया था।

2018 में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी देकर सुर्खियों में आए भारतीय गुंडे लॉरेंस विश्नोई का नाम लेकर नेपाल के कारोबारियों और कारोबारियों को धमकाने के अपराध में सीआईबी ने प्रसाई की जांच शुरू की है ।

इस अपराध में सीआइबी झापा जिला के मेचीनगर के हरिचंद्र फुइयाल को 29 नवंबर को गिरफ्तार कर चुकी है ।

सीआईबी के मुताबिक, बयान के दौरान हरिचंद्र ने न सिर्फ यह कहा कि पैसे वसूलने के लिए बिजनेसमैन ने उन्हें धमकी दी थी, बल्कि पुलिस को दस्तावेजों के आदान-प्रदान और दोनों के बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो भी दिया.

सीआईबी सूत्रों के मुताबिक, प्रसाई के मोबाइल पर मिले ऑडियो रिकॉर्ड से उसकी संलिप्तता की पुष्टि होती है।

सीआईबी के प्रवक्ता एसपी होबिन्द्र बोगटी ने बताया कि अब तक तीन-चार कारोबारियों ने शिकायत दर्ज कराई है कि लॉरेंस विश्नोई के नाम पर धमकी दी गई है और वे यह भी जानकारी जुटा रहे हैं कि और भी कारोबारी हैं जिन्हें ऐसी धमकियां मिली हैं ।

सोशल मीडिया के माध्यम से कंबोडिया में निवेश के बारे में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के विवादास्पद बयान के साथ फर्जी दस्तावेज प्रकाशित करने के बाद उन्हें 19 नवंबर को भक्तपुर स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था।

शुरुआत में साइबर ब्यूरो ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन एक्ट के उल्लंघन के आरोप में उनके खिलाफ जांच शुरू की थी. इस मामले की जांच पूरी होने के बाद सीआईबी ने उन पर जांच शुरू की ।

दुर्गा प्रसाई की मदद करने वाला हरिचंद कौन है?

हरिचंद्र फुईयाल, जिसे सीआईबी ने भारत में प्रसाई के साथ मिलकर नेपाली व्यापारियों और व्यवसायियों को धमकाने के लिए नियुक्त किया था, की पृष्ठभूमि माओवादियों से जुड़ी हुई है। सीआईबी के मुताबिक वह 2002 के आसपास माओवादियों का सक्रिय कार्यकर्ता था ।

ऐसा लगता है कि जब हरिचंद्र माओवादियों में सक्रिय थे तब उनकी मुलाकात दुर्गा प्रसाई से हुई थी ।

सीआईबी के अनुसार, हरिचंद्र, जिसने अपनी पढ़ाई जारी नहीं रखी, लेकिन उसका लक्ष्य जल्दी और बड़ा पैसा कमाना था, हाल ही में प्रसाई के निर्देशन में भारत में रहकर सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न व्यापारियों और व्यापारियों को धमकी देने में सक्रिय था।

पुलिस को उस दौरान हरिचंद्र और प्रसाई के बीच 100 से अधिक बातचीत के रिकॉर्ड भी मिले, जब व्यापारियों ने कहा कि उन्हें धमकियां मिलीं।

क्राइम मुखबिर न्यूज
अपराध की तह तक !

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