भारत- नेपाल सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
06/10/2024
काठमाण्डौ,नेपाल – कंचनपुर जिला के दोधारा चांदनी नगर पालिका स्थित प्रस्तावित दोधारा चांदनी ड्राई पोर्ट के निर्माण का रास्ता खुल गया है।
डेढ़ दशक की चर्चा के बाद, 18 सितम्बर को सरकार की कैबिनेट बैठक में शुक्लाफंटा राष्ट्रीय उद्यान के मध्य क्षेत्र में मायापुरी सामुदायिक वन की 42.36 हेक्टेयर भूमि को शुक्खा बंदरगाह के लिए उपयोग करने का निर्णय लेने के साथ शुक्खा बंदरगाह की निर्माण प्रक्रिया शुरू हो गई है।
नेपाल इंटरमॉडल ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कमेटी के इंजीनियर अनीश केसी ने बताया कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के बाद ड्राई पोर्ट के निर्माण का रास्ता खुल गया है ।
उन्होंने कहा, ”ड्राई पोर्ट के निर्माण के लिए शुक्लाफांटा राष्ट्रीय उद्यान की भूमि का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है।” उन्होंने कहा, ”अब ड्राई पोर्ट निर्माण की प्रक्रिया जल्द ही आगे बढ़ेगी।”
इंजीनियर केसी के मुताबिक जिस जमीन पर ड्राई पोर्ट बनाया जाएगा वह जमीन शुक्लाफांटा नेशनल पार्क को दी जानी चाहिए ।
उन्होंने कहा, “हमें उक्त जमीन शुक्लाफांटा नेशनल पार्क को बंधक या उस जमीन के बराबर मूल्य के रूप में देनी होगी”, “फिर पार्क कार्यालय पेड़ काटने का आदेश देता है।”
उनके मुताबिक, मायापुरी सामुदायिक जंगल जहां बंदरगाह बनाया जाएगा, वहां एक हजार सात सौ दो पेड़ काटे जाएंगे।
इंजीनियर केसी ने कहा, ‘ड्राई पोर्ट का निर्माण भारत सरकार के वित्तीय और तकनीकी सहयोग से किया जाएगा।
अब हम जल्द ही इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे और भारत भी बोली प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा।’
भारतीय पक्ष के अनुसार, निर्माण शुरू होने के तीन साल के भीतर बंदरगाह चालू हो जाएगा। ड्राई पोर्ट के निर्माण की लागत 5.75 अरब रुपये आंकी गई है।
इंटर-मॉडल ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट कमेटी के अनुसार, ड्राई पोर्ट में दो गोदाम भवन, एक सीमा शुल्क निरीक्षण भवन, एक संगरोध भवन, एक आव्रजन भवन और एक सुरक्षा भवन का निर्माण किया जाएगा।
2007 में पहली बार सरकार ने दोधारा चांदनी में शुक्खा बंदरगाह के निर्माण का प्रस्ताव रखा।
इसके बाद कई बार टीम अध्ययन करने आई, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ सका।
यहां के व्यवसायियों का कहना है कि ड्राई पोर्ट के निर्माण के साथ ही पश्चिमी सीमा खुलने से संभावनाओं के द्वार खुल जायेंगे ।
क्राइम मुखबिर न्यूज
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