नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका वापस भेजने के लिए भारत को एक राजनयिक नोट भेजा है।
हसीना पांच अगस्त से भारत में निर्वासन में रह रही हैं। छात्र आंदोलन के बीच में ही वह देश छोड़कर भारत चली गईं।
इससे पहले बांग्लादेश में शेख हसीना 20 साल तक सत्ता में थीं । वह पहली बार 23 जून 1996 को प्रधानमंत्री बनीं।
ढाका स्थित अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के लिए हसीना और उनके मंत्रियों, सलाहकारों, सैन्य और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
अंतरिम विदेश मंत्री तौहीद हुसैन ने अपने कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ”हमने हसीना को न्यायिक कार्यवाही के लिए ढाका वापस भेजने के लिए भारत सरकार को एक राजनयिक संदेश भेजा है।” इससे पहले, गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम ने उनके कार्यालय को यह जानकारी दी थी ने हसीना को भारत से प्रत्यर्पित करने के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र भेजा है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने मीडिया से कहा, ”हमने उसके (हसीना) प्रत्यर्पण के संबंध में विदेश मंत्रालय को एक पत्र भेजा है।” यह प्रक्रिया अभी भी जारी है ।
आलम ने कहा कि ढाका और नई दिल्ली के बीच प्रत्यर्पण संधि है. इस संधि के तहत हसीना को बांग्लादेश वापस लौटाया जा सकता है ।
क्राइम मुखबिर न्यूज
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