नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

• एक मादा बाज़ को दक्षिण अफ्रीका से फ़िनलैंड तक की यात्रा करने में 42 दिन लगे, एक ब्रिटिश महिला अन्ना डार्विन ने एक दिलचस्प कहानी बताई है।
दक्षिण अफ्रीका से फिनलैंड तक की यात्रा के दौरान मादा बाज़ को जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) ट्रैकिंग डिवाइस से सुसज्जित किया गया था, जिसने प्रति दिन लगभग 230 किलोमीटर की दूरी तय की थी। प्रकाशन (पोस्ट) में बताया गया है कि मादा बाज़ अफ्रीकी भूमि को पार कर एक सीधी रेखा में उड़ती रही जब तक कि वह उत्तर में रेगिस्तान तक नहीं पहुंच गई। फिर यह सूडान और मिस्र से होते हुए नील नदी तक गयी, तब डार्विन ने लिखा कि यह भूमध्य सागर के ऊपर से उड़ने से बच गयी।
बाज़ ने सीरिया और लेबनान को पार किया। बाज़ भी काला सागर के ऊपर उड़ने से बचता था क्योंकि अगर उसे प्यास लगती तो वह उसका पानी नहीं पी सकता थी। क्योंकि समुद्र का पानी खतरनाक होता है। उन्होंने कहा, मादा बाज ने सीधी रेखा में अपनी उड़ान जारी रखी और 42 दिनों के बाद फिनलैंड पहुंची।
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