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सऊदी में इस्लामिक देशों के प्रमुखों की बैठक, क्या है मकसद?

नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

काठमाण्डौ,नेपाल। अरब और मुस्लिम देशों के नेता सोमवार को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में जुटे है ।

सऊदी अरब की आधिकारिक मीडिया एजेंसी वफा के मुताबिक, सम्मेलन गाजा और लेबनान में इजरायल के साथ चल रहे युद्ध पर केंद्रित होगा।

वफ़ा के हवाले से, “इज़राइली हमलों समेत फ़िलिस्तीन और लेबनान में बढ़ती हिंसा ने अरब और इस्लामी नेताओं को तत्काल कार्रवाई करने के लिए मजबूर कर दिया है, इसीलिए सम्मेलन का आयोजन किया गया है।”

बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन की मुख्य प्राथमिकता फिलिस्तीन और लेबनान में इजरायली आक्रामकता को रोकने, आम लोगों की रक्षा करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाना है ।

रियाद में होने वाले सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भी सऊदी अरब पहुंच गए हैं ।

उन्होंने एक्स में लिखा, “मैं रियाद पहुंच गया हूं जहां गाजा में बिगड़ते हालात पर चर्चा करने और फिलिस्तीनियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए संयुक्त अरब इस्लामिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।”

कार्यक्रम में पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार का भी हिस्सा लेने का कार्यक्रम है ।

यह सम्मेलन रियाद में काहिरा स्थित अरब लीग और जेद्दा स्थित इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की इसी तरह की सभा के एक साल बाद आयोजित होने वाला है।

इस्लामिक नेताओं ने भी गाजा में इजरायली गतिविधियों को “बर्बर” बताते हुए इसकी निंदा की है।

यह उल्लेख करते हुए कि सम्मेलन में डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल पर भी चर्चा होगी, वरिष्ठ खाड़ी विश्लेषक अन्ना जैकब्स ने एजेंसी से बातचीत में कहा, “यह सम्मेलन यह संकेत देने का भी अवसर हो सकता है कि वे अमेरिका के संदर्भ में आने वाले ट्रम्प प्रशासन से क्या चाहते हैं।” संलिप्तता।”

अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर हमला बोल दिया ।

हमले में अब तक 43,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है ।

क्राइम मुखबिर न्यूज
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