रतन गुप्ता उप संपादक की रिपोर्ट
विनियमित क्षेत्र महराजगंज में शामिल गांवों में मकान
सोनौली ,नौतनवा सहित महराजगंज में विना नक्सा पास करायें लोग दना दन मकान बना रहे हैं , की जगहों पर प्लास्टिक कर जमीन बेचे जा रहे हैं नक्सा पास कराने वाले अधिकारीयों की मिली भगत से काम हो रहे । मकान बनने के बाद नुक्से बन रहे हैं । नौतनवा ,सोनौली में बहुत तेजी से मकाने बन रहे हैं।
विनियमित क्षेत्र महराजगंज में शामिल गांवों में मकान बनवाने से पहले विनियमित क्षेत्र कार्यालय से उसका नक्शा पास कराना अनिवार्य है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोग बिना नक्शा पास कराए ही मकान का निर्माण करा रहे हैं। निर्माण के बदले श्रम विभाग में जमा होने वाला सेस भी नहीं जमा किया जा रहा है। वहीं मकानों की जांच नहीं होने से मकान बनाने में नियमों की अनदेखी भी हो रही है। बिना नक्शा पास कराए ही निर्माण कराने वालों को भविष्य में कानूनी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। मकान का निर्माण अवैध भी घोषित किया जा सकता है।
विनियमित क्षेत्र में महराजगंज में शहर के साथ 66 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। नगर में रहने वालों के साथ इन 66 गांवों में रहने वालों को मकान बनवाने से पहले उनका नक्शा बनवाकर उसे विनियमित क्षेत्र कार्यालय से पास कराना अनिवार्य होता है। हर साल यहां सैकड़ों मकान बन रहे हैं लेकिन मुश्किल से केवल करीब 300 से 350 नक्शा पास होता है। जनवरी 2024 को डीएम की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह मामला आने के बाद डीएम ने सभी मकानों की जांच कराने का निर्देश दिया था, लेकिन जांच बाद में ठंडे बस्ते में चली गई।
नक्शा पास कराने का जमा होता है शुल्क
शहरी क्षेत्र में मकान बनवाने के लिए आवासीय मकान के लिए पांच रूपये स्क्वायर फुट व व्यवसायिक मकान के लिए 6.50 रूपये स्क्वायर फुट शुल्क जमा करना होता है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में मकान बनवाने के लिए आवासीय मकान के लिए 2.50 रुपये स्क्वायर फुट व व्यवसायिक मकान के लिए चार रुपये स्क्वायर फुट की दर से शुल्क जमा करना होता है। बिना नक्शा के ही निर्माण होने से राजस्व का घाटा भी हो रहा है।
ऐसे बनवाएं घर का नक्शा
विनियमित क्षेत्र में आने वाले गांवों के लोगों को घर बनवाने से पहले किसी प्राइवेट इंजीनियर से नक्शा बनवाना पड़ता है। इसी नक्शे को आवेदन व शुल्क के साथ विनियमित क्षेत्र कार्यालय में जमा करना होता है। इसके बाद निनियमित क्षेत्र के जेई द्वारा मौके का मुआयना कर नक्शे के अनुसार मकान बनवाने के संबंध में अपनी आख्या के साथ संस्तुति या असंतुति की जाती है। संस्तुति के बाद इसे उप जिलाधिकारी द्वारा स्वीकृति दी जाती है। एसडीएम की स्वीकृति के साथ ही नक्शा पास हो जाता है। इसके बाद मकान का निर्माण वैध तरीके से किया जा सकता है।