नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

काठमाण्डौ,नेपाल : सरकार द्वारा निर्धारित 28,500 मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए 65 ट्रिलियन के निवेश की आवश्यकता है। जब इतनी रकम का निवेश होगा तो देश में 40 अरब के बराबर निवेश रहेगा। इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन, नेपाल (आईपीपीएएन) के अध्यक्ष गणेश कार्की ने कहा कि भारी निवेश सकारात्मक होगा। अध्यक्ष कार्की ने लालूपाते हाइड्रोपावर कंपनी द्वारा प्रवर्तित 49.95 मेगावाट दानाखोला जलविद्युत परियोजना के वित्तीय प्रबंधन के हस्ताक्षर समारोह में बोलते हुए यह बात कही।
ऊर्जा, जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री दीपक खड़का की उपस्थिति में वित्तीय प्रबंधन के समझौते पर हस्ताक्षर किये गये। अध्यक्ष कार्की ने कहा कि 10 वर्षों के भीतर सीमेंट, डण्डी और अन्य जलविद्युत का घरेलू उत्पादन किया जाएगा और कच्चे माल और रोजगार पर 40 ट्रिलियन खर्च करके नेपाल की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व प्रधान मंत्री शेर बहादुर देउबा के कार्यकाल के दौरान, नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय बिजली व्यापार की श्रृंखला भारत को 400 मेगावाट के निर्यात समझौते के साथ शुरू हुई थी, और पूर्व प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहाल के कार्यकाल के दौरान, इस संबंध में एक दीर्घकालिक समझौता हुआ था। 10,000 मेगावाट का निर्यात किया गया। इसी तरह, बांग्लादेश में 40 मेगावाट का निर्यात शुरू होने का जिक्र करते हुए कार्की ने कहा कि नेपाल के ऊर्जा क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल है, जब उन्होंने कुछ दिन पहले ही 15,000 मेगावाट के निर्यात लक्ष्य के साथ 28,500 मेगावाट का रोडमैप शुरू किया था।
क्राइम मुखबिर न्यूज
अपराध की तह तक !