रायबरेली संवाददाता सन्दीप मिश्रा की रिपोर्ट
रायबरेली । नगर पालिका परिषद अपने कर्मचारियों की जान के साथ किस तरह का खिलवाड़ करती है यह तो शाम ढलते ही बीच रोड पर देखने से पता चल जाता है। लेकिन सबसे बड़ा मजाक यह है कि इतनी भारी संख्या में सफाई कर्मचारियों को एक वाहन में बैठा कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने पर किसी भी यातायात या पुलिस विभाग की नजर इस पर नहीं पड़ती है कि जिस वाहन को कूड़ा उठाने और समान लाने ले जाने के लिए सरकार द्वारा इजाजत ली गई है उसे वहां से मनुष्यों को लाया ले जाया जा रहा है। कहने को तो नगर पालिका परिषद के कर्मचारी पूरे नगर को साफ करते हैं। परंतु सफाई के नाम पर शाम ढलते ही इन्हें पूरे शहर में वाहन पर बैठा कर घुमाया जाता है और दुनिया को दिखाने के लिए चुनिंदा स्थानों पर सफाई करवा दी जाती है। जबकि लोगों का कहना है कि जब सुबह शाम सही सलामत सफाई नहीं हो पाती है तो बाजार के खुले रहने पर किस तरह सफाई हो सकती है या तो नगर पालिका परिषद ही बता सकता है। क्योंकि देखा जाए तो सफाई कर्मचारी सुबह एक समय और शाम को एक समय की ड्यूटी करके नगर को साफ करने का काम करते हैं । उसके बाद 6:00 बजे के बाद से हाल ही में नियुक्त किए गए ठेके के कर्मचारियों की ड्यूटी लगती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब इन कर्मचारियों को पूरा नगर साफ करना है तो उसके लिए वाहन की क्या आवश्यकता पड़ जाती है । जिसमें बैठ कर इन कर्मियों को यहां से वहां लाया ले जाना पड़ता है।
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