नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
33वां अंतर्राष्ट्रीय विकलांगजन दिवस आज विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रमों के साथ मनाया जा रहा है।
1992 से यह दिन पूरी दुनिया में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष की थीम ‘समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए बुनियादी ढांचा, विकलांग लोगों का मजबूत नेतृत्व इसका आधार’ तय किया है।
नेपाल में भी, देश भर में विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठन ‘समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए बुनियादी ढांचे, विकलांग लोगों का मजबूत नेतृत्व इसका आधार है’ के राष्ट्रीय नारे के साथ जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करके इसे मना रहे हैं।
इस दिन के संदर्भ में सरकार ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय नारों के इस्तेमाल का आह्वान किया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व की कुल जनसंख्या का 16 प्रतिशत भाग विकलांग है।
विकलांग व्यक्तियों की सांख्यिकीय रिपोर्ट के अनुसार, विकलांग व्यक्तियों की स्वास्थ्य क्षेत्र, शिक्षा और रोजगार में नेतृत्व तक पहुंच बहुत कम है।
रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल की कुल आबादी का 2.2 फीसदी यानी 47 हजार 744 लोग विकलांग हैं ।
जनगणना की रिपोर्ट के मुताबिक कुल परिवारों में से 3.1 फीसदी परिवारों में विकलांग लड़कियां हैं ।
जैसा कि राष्ट्रीय जनगणना में बताया गया है, विकलांग लोगों की साक्षरता दर 50.1 प्रतिशत है।
यह दिन विकलांग व्यक्तियों को शामिल करने के मुद्दे पर समर्थन जुटाने, विकलांगों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और सभी के लिए एक समावेशी और सुलभ समाज के निर्माण के लिए सरकार और संबंधित निकायों का ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है।
नेपाल का राष्ट्रीय विकलांग महासंघ मांग करता रहा है कि नेपाल के आपदा कानूनों और नीतियों में निहित ‘विकलांगता समावेशी’ प्रणाली को व्यावहारिक और प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए।
महासंघ ने आपदा प्रबंधन और मानवीय संकट स्थितियों में काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय निकायों और गैर-सरकारी संगठनों के काम को समावेशी बनाने के लिए पैरवी की आवश्यकता बताई है।
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