नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल – अब से ललितपुर जिला पुलचौक में ट्रैफिक पुलिस को सीटी लहराकर वाहनों को रोकना या भेजना नहीं पड़ेगा।
आज सोमवार से ललितपुर जिला की मुख्य व्यस्त सड़कों पर ट्रैफिक लाइटें वाहनों की संख्या के आधार पर लाल और हरी हो जाएंगी। वजह है- ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता’ से जुड़ी ट्रैफिक लाइटें।
ललितपुर महानगर पालिका ने सोमवार से इंटेलिजेंस ट्रैफिक लाइट की आधिकारिक शुरुआत कर दी है।
महानगर प्रमुख चिरिबाबू महरजन ने पुलचोक स्थित महानगर कार्यालय के सामने चौराहे पर लगे लाइट के स्विच को चालू कर लाइट का उद्घाटन किया ।
महानगर ने कुपान्डोल से जावलाखेल तक पांच स्थानों पर ऐसी लाइटें लगाई हैं। पहले चरण में, पुलचौक में दो लाइटें लगाई गई हैं, एक कानदेवता में, एक दमकल चौक पर और एक जावलाखेल में, शहरी विकास योजना प्रभाग के प्रमुख और मंडल अभियंता श्रीकुमार महर्जन ने बताया।
यह कैसे काम करता है?
खुफिया तंत्र के आधार पर जहां भी बड़ी संख्या में वाहन होते हैं, वहां ये लाइटें हरी लाइट कर देती हैं।
ललितपुर मेट्रोपॉलिटन पुलिस प्रमुख सीताराम हचेथु कहते हैं, “लाइट के साथ रखी वाहन डिटेक्टर मशीन तुरंत सड़क पर वाहनों की संख्या पढ़ती है और तुरंत ट्रैफिक लाइट चिप और सर्वर को सूचित करती है।”
उन्होंने कहा कि कार्यालय समय के दौरान, यात्रियों को काठमाण्डौ की ओर ट्रैफिक लाइट पर काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है, लेकिन ललितपुर जिला में, उनमें से ज्यादातर 30-50 सेकंड तक ही इंतजार करते हैं।
चूंकि यह लाइट स्वचालित है, इसलिए यह अन्य पारंपरिक ट्रैफिक लाइटों से अलग और आसान है।
इसके साथ रखा गया वाहन डिटेक्टर वाहन का नंबर और विवरण पढ़ता है,” उन्होंने कहा। फिलहाल इसकी मॉनिटरिंग व्यवस्था ट्रैफिक कार्यालय में रखी गयी है ।
ट्रैफिक लाइट टेक्नीशियन सुयोशाक माथेमा के मुताबिक, इस लाइट को जरूरत के मुताबिक फिक्स, पुलिस मैनुअल, सिंक्रोनाइजेशन, एटीसीएस आदि मोड में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पांच साल तक डेटा स्टोर करता है। यह लाइट वाहनों और दुर्घटनाओं का रिकॉर्ड भी रखती है।
नेपाल में नया, 5 साल का कार्यभार
महानगर प्रमुख चिरीबाबू महर्जन ने बताया कि ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए यह लाइट जोड़ी गयी है. उनका कहना है कि नेपाल में यह पहला है ।
नगर प्रमुख महर्जन ने कहा कि हालांकि लाइटें लगाने वाले मॉडल पावर ग्रेड जेवी ने शुरुआत में 117 स्थानों की व्यवहार्यता का अध्ययन किया था, लेकिन ये लाइटें बहुत अधिक ट्रैफिक वाले स्थानों पर लगाई गई हैं।
उन्होंने कहा कि अगर महानगर को पांच साल तक इसकी मरम्मत करानी पड़े तो एक भी पैसा खर्च नहीं होगा ।
उन्होंने कहा, ”ट्रैफिक लाइटों के बीच भ्रम की स्थिति है, रुकने का समय बढ़ाने, ग्रीन टाइम बढ़ाने या घटाने को लेकर चर्चा हो रही है।”
उन्होंने कहा, ”चूंकि यह एक नई प्रणाली है, इसलिए जन जागरूकता जरूरी है”
उन्होंने कहा कि महानगर जन जागरूकता बढ़ाने के लिए शहर पुलिस और स्कूली छात्रों को संगठित करेगा।
नगर प्रमुख महाराजन ने बताया कि अगले वर्ष रिंग रोड के बाहर वार्डों की मुख्य सड़कों पर भी यह ट्रैफिक लाइट लगायी जायेगी ।
64 में से 35 स्थानों पर ट्रैफिक लाइटें हैं
घाटी यातायात पुलिस कार्यालय के प्रवक्ता, पुलिस अधीक्षक संजय बहादुर राउत ने कहा कि प्रौद्योगिकी की कमी के कारण सड़कों पर कई जनशक्ति को तैनात करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि हालांकि 64 स्थानों पर ट्रैफिक लाइटें हैं, लेकिन विभिन्न कारणों से वे केवल 35 स्थानों पर ही काम कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि ललितपुर महानगर द्वारा स्थापित इंटेलिजेंट ट्रैफिक लाइटें प्रभावी यातायात प्रबंधन, यात्रियों के जोखिम को कम करने, व्यवस्थित शहरीकरण और सतत विकास में मदद करेंगी।
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