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गुरु की महिमा और जीवन जीने की कला पर प्रोफेसर जे पी सैनी के प्रेरक विचार: सरस्वती शिशु मंदिर में वंदना सभा की विशेष रिपोर्ट

गोरखपुर संवाददाता जितेंद्र यादव की रिपोर्ट

  सरस्वती शिशु मंदिर (10+2)पक्की बाग गोरखपुर में आज वंदना सभा में व्यास पूजा कार्यक्रम भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल गोरक्ष प्रांत के प्रांत अध्यक्ष और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलगुरु (कुलपति) प्रोफेसर जे पी सैनी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने इस अवसर पर गुरु की महत्ता बताते हुए अपने विचार रखें l  गुरु जीवन जीने की कला सिखाता है। गुरु की महिमा गुरु शब्द में निहित है। उन्होंने बताया कि ईश्वर के रूठने पर गुरु अपनी शरण में ले लेंगे लेकिन गुरु के रूठने पर ईश्वर अपनी शरण में नहीं लेंगे। गुरु के मार्ग पर चलना ही गुरु दक्षिणा है । पूरे ब्रह्मांड में गुरु ही  एक व्यक्ति हैं जो अपने शिष्य की सफलता पर प्रसन्न होते हैं। गुरु अपने शिष्य को उपलब्धि को अपनी स्वयं की उपलब्धि मानते हैं। गुरु केवल धार्मिक मार्ग की ओर नहीं ले जाते बल्कि ज्ञान रूपी सरोवर में ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन के लिए हम माता-पिता के ऋणी है ।तो  जीवन में आने वाली हर कठिनाइयों और मुश्किलों का सामना करने के लिए गुरु  के ऋणी है।   

   

   इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल गोरक्ष प्रांत महिला प्रकल्प  सह समन्वयक डॉक्टर प्रियंका वर्मा, कोश प्रमुख अशोक कुमार शुक्ला , प्रांत मंत्री प्रदीप सिंह उपस्थित रहे । अतिथि गण द्वारा दीप प्रज्वलन और भारत माता और सरस्वती माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। अतिथि परिचय प्रधानाचार्य डॉक्टर राजेश सिंह जी द्वारा कराया गया।  बहनों द्वारा प्रार्थना, भारतीय शिक्ष मंडल के ध्येय श्लोक का वाचन प्रदीप सिंह द्वारा, ध्येय वाक्य रजत द्विवेदी , एकल गीत का गायन बहन अंशिका जी ,आभार ज्ञापन प्रथम सहायक  रूक्मिणी उपाध्याय एवं संचालन भैया निखिल मौर्य द्वारा किया गया इस अवसर पर समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहा ।

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