भारत-नेपाल सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
माओवादी उग्रवाद को किसी भी परिस्थिति में जनयुद्ध नहीं कहा जा सकता: चित्रा बहादुर केसी
काठमाण्डौ,नेपाल। राष्ट्रीय जनमोर्चा के अध्यक्ष चित्र बहादुर केसी ने अपना रुख दोहराया है कि माओवादी सशस्त्र युद्ध को लोगों का युद्ध नहीं कहा जा सकता है।
बुधवार को प्रतिनिधि सभा की बैठक में सीपीएन (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ ने प्रधानमंत्री ओली पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह युद्ध लोगों का युद्ध नहीं है ।
इसी मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए अध्यक्ष केसी ने जोर देकर कहा कि सशस्त्र युद्ध को लोगों का युद्ध नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह चरमपंथियों द्वारा उकसाया गया है।
उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री दहाल ‘प्रचंड’ की ओर इशारा करते हुए पूछा कि अगर जनयुद्ध होता तो वे सत्ता के लिए जान दे देते।
उन्होंने सरकार से सशस्त्र संघर्ष के दौरान राज्य की ओर से और तत्कालीन विद्रोही माओवादी पक्ष से युद्ध अपराधों में शामिल सभी लोगों पर मुकदमा चलाने की भी मांग की।
अध्यक्ष केसी ने कहा, ”टीआरसी बिल में किस बात पर सहमति बनी है. हमारी पार्टी ने उस पर गंभीरता से ध्यान आकर्षित किया है।
हमने माओवादियों के नेतृत्व में की गयी सशस्त्र कार्रवाई को कभी जनयुद्ध नहीं माना. और हमने इसे घोर वामपंथी उत्तेजना घोषित कर दिया।
क्योंकि वह सशस्त्र कार्रवाई मार्क्सवादी, लेनिनवादी सिद्धांतों और स्थिति के ठोस विश्लेषण पर आधारित नहीं थी।
अध्यक्ष केसी ने यह भी दोहराया कि युद्ध अपराधों में शामिल लोगों को छूट देने के काम के कारण संक्रमणकालीन न्याय के कार्यान्वयन में देरी हुई है।
क्राइम मुखबिर न्यूज
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