गोरखपुर संवाददाता जितेंद्र यादव की रिपोर्ट
नारायनपुर दोयम की पैतृक जमीन को लेकर एक गंभीर विवाद का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार ने प्रेस वार्ता आयोजित कर इस विवाद की पूरी जानकारी दी।
मेरा वंशवृक्ष भीखा पुत्र भोला, भोला पुत्र बाबूराम, राकेश, महेश व हरिश्चन्द्र पुत्रगण बाबूराम उर्फ बाबूलाल कोईली पुत्नी स्व० वाबूराम उर्फ बाबूलाल जो की नारायनपुर दोयम में हमारी पैतृक जमीन है,भोला के मृत्यु के बाद रामनारायन पुत्र रामहित ने फर्जी वसीयतनामा बनवाकर फर्जी वसीयतनामा के आधार पर हमारी जमीन सन् 1989 में हड़प लिया जिसका मुकदमा चकबन्दी अधिकारी दीवान बाजार में चला रहा था तभी मुकदमें के दौरान ही आनन-फानन में रामनारायन ने मेरी जमीन फर्जी तरीके से कोईल बाबूलाल व अन्य व्यक्तियों को बैनामा कर दिया।
मेरे पिता बाबूराम उर्फ बाबूलाल मुकदमा को देख रहे थे मुकदमा के दौरान ही रास्ते में संदिद्ध अवस्था में जिन्हें मार दिया गया हम लोग छोटे-छोट थे मेरी माँ कोईली देवी व हम लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया जाने लगा, नारायनपुर दोयम से हम लोगों को मारकर ताड़ दिया गया मेरी माँ जैसे-तैसे मुकदमें को देख रही थी हम बड़े व जनने योग्य जब से हुए तब से हम मुकदमा देखने लगे जिसका मुकदमा चकबन्दी अधिकारी दीवान बाजार में चला और रामनारायन के द्वारा बनवाया गया वसीयतनामा फर्जी पाया गया। चकबन्दी अधिकारी द्वारा सी०ओ० दीवान बाजार के आदेशों के आधार पर 2021 में मेरा नाम खतौनी में दर्ज किया गया जिसके विरूद्ध में उपरोक्त जालसाजों द्वारा बन्दोबस्त अधिकारी एस०ओ०सी० कोर्ट में अपील किया गया वहां भी सभी अपीलों को सभी साक्ष्य व गुण दोष को देखते हुए आदेश दिनांक 10.07.2024 को फैसला मेरे पक्ष में आया जो कि दस्तावेज में अंकित है। जिसके उपरान्त मैं अपनी जमीन पर गया किन्तु वहां जमीन नारायन पुत्र रामहित द्वारा फर्जी बैनामा लिये गये व्यक्तियों द्वारा मुझे मारा गया, ताड़ा व जान से मारने की धमकी दिया गया जबकि रामनारायन दस्तावेज के अनुसार फर्जी पाये गये व खारिज हो गये और खतौनी में मेरा नाम आदेश के अनुसार अंकित हो गया है। इससे रामनारायन द्वारा किया गया बैनामा भी सभी खारिज हो गये है।
क्राइम मुखबिर न्यूज
अपराध की तह तक!