गोरखपुर संवाददाता जितेंद्र यादव की रिपोर्ट
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2024-25 के क्रियान्वन के क्रम में तथा जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर तेज प्रताप तिवारी के कुशल निर्देशन में आज महिला एवं विधवा महिलाओं के अधिकार व महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण से सम्बन्धित कानूनों के बारे में जागरूकता और महिला स्वच्छता व सेनेटरी नैपकिन से सम्बन्धित विषय पर विधिक जागरूकता / साक्षरता शिविर का आयोजन जिला कारागार, गोरखपुर में किया गया। उक्त कार्यक्रम में अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर विकास सिंह के साथ ही साथ वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेलर, डिप्टी जेलर, उपस्थित रहें। अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर श्री विकास सिंह द्वारा सर्वप्रथम पाकशाला, पाठशाला, नव निर्मित महिला बैरक, पुरूष बैरक, चिकित्सालय व लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। समक्ष आयी कमियों के सुधार हेतु वरिष्ठ जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया। साथ ही साथ जिला कारागार, गोरखपुर में निरूद्ध बंदियों को उक्त विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया गया कि भारत में विधवा महिलाओं को कई कानूनी अधिकार प्राप्त हैं, जिनमें संपत्ति का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, रोजगार, मतदान और चुनाव लड़ने का अधिकार शामिल हैं। घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 भारत की संसद् द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसका उद्देश्य घरेलू हिंसा से महिलाओं को बचाना है और पीड़ित महिलाओं को विधिक सहायता उपलब्ध कराना है। मिशन शक्ति’ मिशन मोड में एक योजना है जिसका उद्देश्य महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए समर्थन को मजबूत बनाना है। मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन महिलाओं की भलाई का एक महत्वपूर्ण पहलू है, और प्रत्येक महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त वरिष्ठ जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि जिन बंदी के पास अधिवक्ता नही है या ऐसे बंदी जो जमानतदार के अभाव में अभी तक जेल में निरूद्ध है, का प्रार्थना पत्र तैयार कराकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में उपलब्ध करावे जिससे उक्त बंदी के मुकदमें में अधिवक्ता नियुक्त हो सकें।
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