क्राइम मुखबिर से गोरखपुर ब्यूरो की रिपोर्ट
कूटरचित दस्तावेज बनाकर खसरा खतौनी में दर्ज करा लिया परिवार का नाम, काश्ताकर की शिकायत पर खुली पोल।
गोरखपुर। चिलुआताल थाना क्षेत्र में फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। सदर तहसील में संग्रह अमीन के पद से पदोन्नति हुए नायब तहसीलदार अर्जुन ने एक कूटरचित आदेश लगाकर दूसरे की जमीन को अपने पूरे परिवार के नाम दर्ज करा दिया। पीडि़त काश्तकार की शिकायत पर जब प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त जांच किया, तो सेवानिवृत्त हो चुके नायब तहसीलदार के कारश्तानी की पोल खुल गई। जिलाधिकारी के निर्देश व एसएसपी के आदेश पर अब चिलुआताल पुलिस ने आरोपी नायब तहसीलदार अर्जुन के परिजनों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार अर्जुन ने अपने सेवाकाल के दौरान चिलुआताल थानान्तर्गत ग्राम मीरपुर में वर्ष १९९३ का फर्जी आदेश तैयार कर गांव के काश्तकार की पैतृक आराजी नम्बर पर अपने परिवारजनों का नाम अंकित करा लिया था। कुटरचित दस्तावेज तैयार कर दो अजारी में क्रमश: ४६० एयर व ११० एयर सरकारी भूमि पर अपने पुत्र रम्मू व भतीजा ओम प्रकाश व पट्टीदारी के नाती की पत्नी साधना देवी का नाम दर्ज करा लिया। बताया जाता है कि एक अन्य मुकदमा सीओ चकवन्दी दीवान बाजार के यहां अवधेश बनाम हरे कृष्ण के नाम से चला था जिसमें उक्त कुटरचित दस्तावेज लगा कर रंभू ओम प्रकाश साधना का नाम दर्ज करा लिया।
इस बात की जानकारी जब स्थानीय निवासी फूलदेव यादव परिवार को हुई, तो वह और उनका परिवार उच्चाधिकारियों के पास भाग दौड करने लगा। मामले की जानकारी होने पर डीएम व एसएसपी ने पीडि़त पक्ष के आवेदन पर जांच कराई। एडीएम प्रशासन तथा वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई जांच में कुटरचित दस्तावेज तैयार करने का मामला सामने आया। इतना ही नही चकबंदी अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से जारी आदेश के सहारे जालसाजों ने लेखपाल जिल्ल में भी अपने परिवार का नाम चढ़वा लिया, लेकिन वह रिकार्ड रूम के अभिलेख में चढ़वाने में सफल नही हो पाया। जांच पड़ताल में पूरे फर्जीवाड़े की पोल खुल गई, जिसके बाद जिलाधिकारी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कूटरचित दर्ज नामों को निरस्त कर असल काश्तकारों का नाम चढऩे का आदेश दिया और सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार अर्जुन के परिजन ओम प्रकाश पुत्र रंगलाल, रम्भू पुत्र अर्जुन प्रसाद और साधना पत्नी मनोज कुमार के विरूद्घ जालसाजी, धोखाधड़ी सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया।
पुलिस सूत्रों की माने तो दौरान विवेचना सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार का नाम आना तय है उसके बाद उक्त मुकदमें में आरोपियों के नामों में उनका भी नाम शामिल किया जा सकता है। करामाती नायब तहसीलदार ग्राम पोतहरा में भी 10 बीघा नदी की जमीन अपने पत्नी और परिवार जनों के नाम कर लिया जिसकी शिकायत फुलवरिया की ग्राम प्रधान सुमित्रा देवी ने जिलाधिकारी को दिया है जिसकी जांच चल रही।
क्राइम मुखबिर न्यूज
अपराध की तह तक !