क्राइम मुखबिर से उप संपादक रतन गुप्ता की रिपोर्ट
महराजगंज। धन के लालच में मिलावटखोर अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। खाद्य पदार्थों में मिलावट कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। शुक्रवार को आई जांच रिपोर्ट में दाल, पनीर, दूध समेत 60 खाद्य पदार्थों का नमूना अधोमानक मिला, जबकि छह असुरक्षित पाए गए।
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने जनवरी से अगस्त तक अलग-अलग 86 खाद्य पदार्थों का नमूना लिया था। इसमें दाल का 19, दूध का 14, दूध से बने मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों का 10 और शेष अन्य खाद्य पदार्थों का नमूना लिया था। दो दिन पहले पिछले साल का मिलाकर 117 खाद्य पदार्थों का नमूने की रिपोर्ट आई। रिपोर्ट में 60 नमूना अधोमानक पाए गए। नौ नमूना असुरक्षित पाया गया। जबकि एक नमूना झूठा मिला। पनीर में स्टार्च कम मिला, दाल में मिलावट और दूध में फैट कम मिला। विभाग अब आगे की कार्रवाई में जुट गया है।
बतादें कि खाद्य नमूना अधोमानक और असुरक्षित मिलने पर एडीएम कोर्ट में मुकदमा चलता है। इस वर्ष खाद्य पदार्थों से जुड़े 36 वाद निस्तारित किए गए। इसमें तीन लाख 42 हजार रुपया जुर्माना वसूला गया।
दूध, पनीर, खोआ या कोई भी खाद्य पदार्थ में मिलावट से सेहत को नुकसान होता है। दाल, दूध, पनीर या दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थ में मिलावट से गुर्दा, हड्डी, नेत्र समेत शरीर के अन्य अंगों को नुकसान होता है। इसलिए खाद्य पदार्थों को लेते समय सतर्कता जरूर बरतें।
-डॉ. प्रमोद कुमार
खाद्य सुरक्षा निदेशालय के निर्देश पर जनपद में जनवरी से अब तक 86 खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए। जबकि 117 खाद्य पदार्थों के जांच रिपोर्ट आई हैं, जिसमें से खाद्य पदार्थ के 60 नमूने अधोमानक, नौ नमूना असुरक्षित और एक नमूना मिथ्य पाया गया है। नमूना लेने का अभियान जारी है।
-डॉ. टीआर रावत, अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा विभाग
क्राइम मुखबिर न्यूज
अपराध की तह तक !