spot_img
Homeबड़ी खबरेनव ग्रहों की दुष्प्रभाव और जड़ी-बूटियों से आसान निवारण: जानें कैसे मिल...

नव ग्रहों की दुष्प्रभाव और जड़ी-बूटियों से आसान निवारण: जानें कैसे मिल सकती है राहत

पं वेद प्रकाश तिवारी ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ
निशुल्क परामर्श उपलब्ध  9919242815

   ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मनुष्य जीवन पर  नव ग्रहों का प्रभाव किसी न किसी रूप में प्रभाव जरूर रहता है । ग्रहों के दुष्प्रभाव के कारण मनुष्य परेशान  हो उठता है । हम नीचे नव ग्रहों के दुष्प्रभाव से होने वाली  पीड़ाओं
के निवारण के  लीये जड़ी  और बूटियो के सरल उपाय बता  रहे है :-

1= सूर्य
सूर्य के प्रतिकूल होने पर  दिल का दोरा  आँखो की  बीमारी  चर्मरोग  हिस्टीरिया  जैसी बीमारियां पैदा  हो जाती है1
उपाय = बिल्व व्रक्ष  की जड़ गले या भुजा में धारण करना  चाहिए । गेहूँ  गुड़  लाल चन्दन तथा लाल फूल का दान करना चाहिए ।

2=चन्द्रमा
चन्द्रमा के प्रतिकूल होने पर  अनिद्रा  गठिया   पाचन शक्ति कमजोर होना  कफ  मानसिक समस्या आदि ।
उपाय =खिरनी  की जड़ को सफेद  वस्त्र  में  बाधकर भुजा  या गले में  धारण करना  चाहिए।

3=मंगल
मंगल ग्रह के  प्रतिकूल होने  पर  खून सम्बन्धी  रोग  सिरदर्द  बुखार  गले  का  रोग  आदि  ।
उपाय=अनंतमूल की जड़ को मंगलवार  के दिन  लाल वस्त्र में  बाँधकर गले या  भुजा में धारण  करना  चाहिए।

4=बुध
बुध  ग्रह प्रतिकूल होने  पर  नाक  कान  के रोग 
चर्म रोग  ऊचे स्थान  से  गिरना  दिमाग की  खराबी  आदि
उपाय =विधारा की  जड़ को हरे धागे में  बांधकर गले या भुज में  धारण करे।

5=गुरु
गुरु के प्रतिकूल  होने पर  गैस की बीमारी  कानों की  बीमारी  आदि ।
उपाय=गुरुवार  के  दिन नारंगी की जड़ को  पीले वस्त्र में  धारण करे।

6=शुक्र शुक्र ग्रह के प्रतिकूल होने पर  गुदारोग  मूत्र रोग  वीर्य विकार  आदि
उपाय= शुक्रवार  के  दिन मजीठ की जड़  को  सफेद वस्त्र  में गले या बाजू  में  धारण  करे।

7= शनि
शनि के प्रतिकूल होने  पर   एक्सिडेंट होना  पैरो  में  चोट आना गठिया रोग।होना  आदि ।
उपाय=शनिवार  के  दिन कटेला को काले वस्त्र  में बाँधकर गले या  बाजू  में  धारण  करना  चाहिए।

8=राहु
राहु  के  प्रतिकूल  होने  पर  आत्महत्या   की  सम्भावना  ह्रदय रोग  डिप्रेशन  रक्त चाप  आदि ।
उपाय= शनिवार  के  दिन सफेद  चन्दन की जड़ को  काले  वस्त्र में  बाँधकर गले  या  बाजू  में   धारण  करे।

9=केतु
केतु  ग्रह  के  प्रतिकूल  होने  पर  दाँत  के  रोग  आग  से  जल  जाना   फोड़े फुँसी  आदि ।
उपाय  =असगन्ध की  जड़ को काले वस्त्र  में  धारण करना  चाहिए।

क्राइम मुखबिर न्यूज
अपराध की तह तक!

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!