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निजीकरण के विरोध में विजली कर्मियों ने काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन

वरिष्ठ संपादक डॉ. योगेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के आवाहन पर उत्तर प्रदेश में किए जा रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन किया और काली पट्टी बांधकर काम किया है ।काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन का अभियान कल भी जारी रहेगा। 23 जनवरी को निजीकरण हेतु की जा रही प्री बिडिंग कॉन्फ्रेंस का  विरोध करने  हेतु व्यापक प्रदर्शन की तैयारी की गई है।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों इस्माइल खान, जितेन्द्र कुमार गुप्त, प्रभुनाथ प्रसाद, आशुतोष शाही, संदीप श्रीवास्तव, संगमलाल मौर्य, अखिलेश गुप्ता, अरुण कुमार सिंह, जीवेश नन्दन, ब्रजेश त्रिपाठी, राजकुमार सागर, विजय बहादुर सिंह दयानंद ओम गुप्ता एवं सत्यव्रत पांडे ने कहा कि बिजली के निजीकरण की कार्यवाही 5 अप्रैल 2018 और 06 अक्टूबर 2020 को उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मंत्रियों के साथ हुए लिखित समझौते का  घोर उल्लंघन है जिससे बिजली कर्मचारियों में लगातार गुस्सा बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि 5 अप्रैल 2018 को तत्कालीन ऊर्जा मंत्री मा श्री श्रीकांत शर्मा के साथ लिखित समझौता हुआ था और 6 अक्टूबर 2020 को माननीय वित्त मंत्री श्री सुरेश खन्ना एवं तत्कालीन ऊर्जा मंत्री मा श्री श्रीकांत शर्मा जी के साथ लिखित समझौता हुआ था ।इस समझौते में स्पष्ट लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश में  विद्युत वितरण की मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखते हुए, बिजली व्यवस्था में सुधार कर्मचारियों को विश्वास में लेकर किया जाएगा। आगे लिखा है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी प्रकार का बिजली का निजीकरण बिजली कर्मियों को विश्वास में लिए बिना  नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि निजीकरण की कार्यवाही आगे बढ़ाई जा रही है। समझौते का उल्लंघन किया जा रहा है और पावर कार्पोरेशन प्रबंधन और सरकार ने अभी तक संघर्ष समिति से वार्ता करना भी जरूरी नहीं समझा। इससे बिजली कर्मचारियों में व्यापक आक्रोश व्याप्त है।

संघर्ष समिति गोरखपुर के संयोजक पुष्पेन्द्र सिंह ने स्पष्ट किया कि बिजली कर्मी उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की तकलीफ नहीं होने देना चाहते ।खास करके तब जब प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन चल रहा है जिसकी लाइफ लाइन बिजली है।  पॉवर कार्पोरेशन प्रबंधन इस भावना को कर्मचारियों की कमजोरी समझने की गलती न करे। प्रबंधन लगातार बिजली कर्मचारियों को भड़काने वाली कार्यवाही कर रहा है। संघर्ष समिति ने निर्णय लिया है कि 23 जनवरी को निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए होने वाली प्री बिडिंग कॉन्फ्रेंस निरस्त न की गई तो इसका सशक्त प्रतिकार किया जाएगा।

23 जनवरी को समस्त जनपदों और परियोजनाओं में भोजन अवकाश के दौरान शत प्रतिशत बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियंता अपने-अपने कार्यालय के बाहर आएंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे। जनपद गोरखपुर में स्थित समस्त कार्यालयों के कर्मचारी, संविदा कर्मी और अभियंता मुख्य अभियन्ता कार्यालय प्रांगण मोहद्दीपुर में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
  जनपद गोरखपुर में खण्ड कार्यालय परिसर बक्शीपुर, उपकेन्द्र बड़हलगंज, उपकेंद्र जंगल कौड़िया, उपखण्ड मोहद्दीपुर एवं मुख्य अभियंता कार्यालय प्रांगण मोहद्दीपुर में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुए।

आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, संत कबीर नगर, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, बरेली, मुरादाबाद, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अलीगढ़, मथुरा, एटा ,कानपुर, झांसी, उरई, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर ,ओबरा ,पिपरी , अनपरा,हरदुआगंज ,परीक्षा , जवाहरपुर में बड़ी सभाएं आयोजित की गई।

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