spot_img
Homeदेश - विदेशनिर्धारित तिथि पर गंडक नहर में पानी भेजा गया, जिससे रोपाई का...

निर्धारित तिथि पर गंडक नहर में पानी भेजा गया, जिससे रोपाई का लक्ष्य पूरा हो सके

नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

काठमाण्डौ,नेपाल — भारतीय पक्ष ने इस वर्ष निर्धारित तिथि पर धान की फसल के लिए गंडक नहर में पानी उपलब्ध कराया है।

नारायणी सिंचाई प्रबंधन कार्यालय के सूचना अधिकारी एवं अभियंता सुरेश साह के अनुसार भारतीय पक्ष ने शुक्रवार से ही नहर में पानी उपलब्ध कराया है।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय धान दिवस पर किसानों के निर्धारित रोपाई कार्यक्रम को लक्षित करते हुए पानी उपलब्ध कराने के लिए भारतीय पक्ष को पत्र लिखा गया था, तथा शुक्रवार से ही पानी आ रहा है।

साह ने कहा, ‘इस वर्ष हमारा प्रयास था कि धान दिवस पर किसानों को रोपाई करने की अनुमति दी जाए।’ ‘कार्यालय की ओर से भारतीय पक्ष को औपचारिक पत्र भेजा गया था।’

साह ने बताया कि भारतीय पक्ष ने इस वर्ष समय पर नहर में पानी उपलब्ध कराया है, क्योंकि कार्यालय प्रमुख मनोज पटेल ने भी मांग की थी कि भारतीय पक्ष के रप्रमुख से नियमित संपर्क स्थापित करने के लिए तय तिथि पर पानी आना चाहिए।

शुक्रवार से ही परसा जिला
के जानकीटोला स्थित नेपाल-भारत सीमा यानी जीरो आरडी से नेपाली धरती पर गंडक नहर में पानी प्रवेश कर गया था।

साह ने बताया कि परसा जिला में कुछ किसान जिन्होंने बीज तैयार कर लिए हैं, उन्होंने पानी आने के बाद बोवनी कर दी है।

बारा जिले में भी रविवार से नहर में पानी पहुंच गया है। हालांकि बारा जिला के अधिकांश किसानों ने अभी धान की फसल तैयार नहीं की है, इसलिए अधिकांश किसान एक सप्ताह बाद बोवनी करेंगे। फिलहाल नहर में 550 क्यूसेक पानी बह रहा है।

उन्होंने कहा कि सीजन की शुरुआत में भारत की ओर से इतनी बड़ी मात्रा में पानी उपलब्ध कराने से नहर प्रणाली के संचालन में सुविधा होगी।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे किसान धीरे-धीरे बोवनी का क्रम बढ़ाएंगे, पानी की जरूरत भी उसी हिसाब से बढ़ेगी और भारतीय पक्ष भी पानी की मात्रा बढ़ाएगा। भारत के साथ गंडक समझौते के अनुसार भारतीय पक्ष को धान की फसल के लिए जुन 29 से और गेहूं की फसल के लिए दिसम्बर 25 से हर साल 850 क्यूसेक पानी नहर में उपलब्ध कराना चाहिए। भारतीय पक्ष नवलपरासी के भैंसालोटन में नेपाल-भारत सीमा पर बने बैराज से नहर में पानी छोड़ता है।

भारत में 92 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यह नहर परसा जिला के जगरनाथपुर ग्रामीण नगर पालिका के जानकीटोला से नेपाल में प्रवेश करती है। परसा, बारा और रौतहट जिला में 15 ब्लॉकों में विभाजित गंडक नहर की लंबाई नेपाल की ओर 81 किलोमीटर है।

गंडक बैराज का निर्माण भारत ने ही किया है और इसका संचालन भी भारत ही करता है। उसने नहर की संरचना इस तरह से बनाई है कि बैराज से नेपाल की तुलना में भारतीय क्षेत्र में अधिक पानी जाता है।

भारत सरकार ने 1975 और 1976 में दो चरणों में गंडक नहर को नेपाल सरकार को सौंप दिया था। हालांकि गंडक नहर के जरिए परसा, बारा और रौतहट जिला के तीन जिलों की 37,400 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन भारत ने समझौते के अनुसार नेपाल को 850 क्यूसेक पानी नहीं दिया है, जिससे हर साल कोई न कोई समस्या सामने आती है।

क्राइम मुखबिर न्यूज़ – अपराध की तह तक !

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!