spot_img
Homeदेश - विदेशनेपाल मेबाढ़ एवं भूस्खलन के खतरे वाले विभिन्न जिलों में रात्रिकालीन बसें...

नेपाल मेबाढ़ एवं भूस्खलन के खतरे वाले विभिन्न जिलों में रात्रिकालीन बसें न चलाने के निर्देश

क्राइम मुखबिर से उप संपादक रतन गुप्ता की रिपोर्ट

नेपाल में राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण ने संभावित क्षति को रोकने के लिए कोशी, गंडकी, लुंबिनी और सुदुरपश्चिम प्रांतों के विभिन्न जिलों में रात की बसों का संचालन नहीं करने का निर्देश दिया है क्योंकि बाढ़ और भूस्खलन का खतरा अधिक है।

मौसम वैज्ञानिकों ने कहा है कि बृहस्पतिवार रात तक नेपाल के ज्यादातर इलाकों में बारिश होगी.

इससे पहले गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बाढ़ और भूस्खलन की संभावित घटना को देखते हुए कहा था कि जोखिम भरे इलाकों में रात में यातायात रोकने की तैयारी की जा रही है.

बाढ़ और भूस्खलन से बचने के लिए क्या विचार करना चाहिए?
आधा मानसून खत्म, राजधानी में भारी बारिश-बाढ़ और जलजमाव, कुछ दिन और ‘जारी’ रहेगी
आपदा जोखिम प्राधिकरण ने एक बयान में कहा, “इस तथ्य के कारण कि रात में यात्रा करते समय सड़क पर होने वाली बाढ़ और भूस्खलन का आकलन करना मुश्किल है, संभावित नुकसान को रोकने के लिए, उच्च जोखिम वाले जिलों में रात की बसें संचालित न करें।” कथन।

कौन से जिले ज्यादा जोखिम में हैं?
अथॉरिटी के मुताबिक ये जिले हाई रिस्क में हैं-

कोशी प्रांत – तापलेजंग, पंचथर, संखुवासभा और तेहराथुम

बागमती प्रांत – रसुवा, चितवन, सिंधुपालचोक, धाडिंग, नुवाकोट और दोलखा

गंडकी प्रांत – म्यागदी, बागलुंग, कास्की, परबत, स्यांगजा, तनाहुन, नवलपरासी पूर्व, लामजंग और गोरखा

लुंबिनी प्रांत – कपिलवस्तु, रूपंदेही, पाल्पा, गुल्मी, डांग, बांके, बर्दिया, प्युथन, अरघाखांची और रुकुम पश्चिम

सुदुरपश्चिम प्रांत – कैलाली, कंचनपुर, दादेलधुरा, डोटी और बैताडी।

सड़क पर पानी भर गया
गृह मंत्रालय के आपदा और संघर्ष प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख भीष्म कुमार भुसाल के अनुसार, जिला प्रशासन कार्यालयों को बाढ़, भूस्खलन और बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में रात में राजमार्ग बंद करने का निर्देश दिया जाएगा।

भूसल ने जोखिम कम करने के लिए की जा रही तैयारियों के बारे में कहा, ”आगामी बारिश को देखते हुए हम मुख्य जिला अधिकारियों को सतर्क कर रहे हैं और भारी बारिश के दौरान रात में वाहनों को बंद करने पर भी चर्चा हो रही है.”

जून के आखिरी सप्ताह में चितवन के सिमलताल में भूस्खलन से दो यात्री बसें बह गईं और त्रिशूली नदी में गायब हो गईं.

उस वक्त भी गृह मंत्रालय ने जोखिम के आधार पर रात में ड्राइविंग पर रोक लगाने का फैसला लिया था.

क्राइम मुखबिर न्यूज
अपराध की तह तक!

RELATED ARTICLES

Most Popular

error: Content is protected !!