भारत-नेपाल सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ (नेपाल)। नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय सदस्य और विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा का मानना है कि पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री बनना केवल एक या दो बार तय नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह राय कांग्रेस की चल रही केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि पार्टी के संविधान में इस बात का कोई प्रावधान होना चाहिए कि प्रधानमंत्री कितनी बार नियुक्त किया जा सकता है, यह अनुभव, काम और उसकी प्रभावशीलता के आधार पर किया जाएगा।”
उन्होंने कांग्रेस की चल रही केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक में महासचिव द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट और जन प्रतिनिधि कार्य निष्पादन दिशानिर्देश-2081 के संबंध में अपने सुझाव देते हुए कहा कि पार्टी को 33 प्रतिशत महिला उम्मीदवारी अनिवार्य करने की नीति बनानी चाहिए ।
प्रत्यक्ष चुनाव में
नेपाली कांग्रेस ने राज्य निकायों में 33 प्रतिशत महिला विधानसभा की नीति अपनाई है, लेकिन उसने प्रत्यक्ष चुनावों में इसे सुनिश्चित करने की मांग की है।
उन्होंने कहा, “समावेश के बारे में मैंने पहले ही कहा है कि हमें प्रत्यक्ष चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत और दलित समुदाय के लिए 10 प्रतिशत उम्मीदवार सुनिश्चित करने के लिए एक नीति बनानी चाहिए।”
उन्होंने राय दी कि पार्टी के प्रत्येक प्रशिक्षण कार्यक्रम में लिंग और समावेशन पर एक अलग सत्र शामिल करके लिंग और समावेशन को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
केन्द्रीय सदस्य डॉ. राणा का विचार था कि स्थानीय स्तर पर लिंग एवं सामाजिक समावेशन पर सामाजिक अंकेक्षण किया जाना चाहिए तथा स्थानीय स्तर पर पार्टी के प्रतिनिधियों द्वारा किये गये कार्यों की निगरानी एवं मूल्यांकन के लिए एक अलग तंत्र बनाया जाना चाहिए।
केंद्रीय और प्रांतीय स्तर पर पार्टी द्वारा किया गया समग्र कार्य
पिछली बैठक में विदेश मंत्री डॉ. राणा ने अपने मंत्रालय बांग्लादेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी दी थी।
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