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पुस्तक “औरंगाबाद (गोरखपुर) गांव की माटी कला” का लोकार्पण  समारोह, शिल्प की महत्वता पर चर्चा

विशेष संवाददाता अर्चना पाण्डेय की रिपोर्ट

गोरखपुर, प्रजापति प्रजाति बहुत पुरानी है, वैदिक काल से पहले की है, ब्रह्मा जी का एक नाम प्रजापति भी है।  उक्त  बातें दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर के हिंदी विभाग के कृतकार्य आचार्य प्रोफेसर आर.डी.राय ने जर्नलिस्ट प्रेस क्लब गोरखपुर के स्व.अरविन्द शुक्ल सभागार में ध्रुव चंद की पुस्तक “औरंगाबाद (गोरखपुर) गांव की माटी कला” के लोकार्पण समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा। प्रोफेसर राव ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि हर साहित्यकार प्रजापति है। पुस्तक के लेखक ध्रुव चंद की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन्होंने जो कार्य किया है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर रजवंत राव, आचार्य, प्राचीन इतिहास विभाग,दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में ऋग्वेद के सूक्त का उल्लेख करते हुए कहा कि कलाकार का हाथ निरंतर शुद्ध होता रहता है। ऐतरेय ब्राह्मण में देव शिल्प व मानव शिल्प की बात हुई है।देव शिल्प प्रकृति द्वारा रचित है, वहीं मानव शिल्प मनुष्य द्वारा बनाया गया है। शिल्प आत्मा का संस्कार करता है, शिल्प अमरत्व प्रदान करता है।

सारस्वत अतिथि प्रो राजेश कुमार मल्ल ने कहा कि हस्त कला तरासने की कला है, मिट्टी कला भारत की थाती है। आगत अतिथियों का स्वागत डॉ आर के राय ने व आभार प्रदर्शन डॉ अनिता पाल सिंह ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो.आद्या प्रसाद द्विवेदी, पूर्व आचार्य व संचालन डॉ अमिताभ पाण्डेय ने किया।

कार्यक्रम में इंजीनियर राजेश्वर सिंह, कृष्ण कुमार चंद कौशिक, नर्वदेश्वर सिंह,रामसमुझ सांवरा, ध्रुव चंद,प्रतिभा गुप्ता, प्रीति मिश्रा, नीरजा बसंती, साधना सिंह, डॉ उमेश पाण्डेय,भीम प्रजापति, अरविंद प्रजापति,अजय यादव, विनोद निर्भय,राम सुधार सिंह, मिन्नत गोरखपुरी, राघवेन्द्र मिश्र, सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

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