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ब्रह्मदेव कॉरिडोर से शुक्लाफांटा नेशनल पार्क की ओर बढ़ रहा बाघ

संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

काठमाण्डौ,नेपाल – ब्रह्मदेव कॉरिडोर से जुड़े शुक्लाफांटा नेशनल पार्क के बफर जोन में एक तेंदुआ बाघ मिला है। पिछले जनवरी में कैमरा ट्रैप से की गई गणना में बाघ मिला था।

कंचनपुर जिला के वन विभाग के कार्यालय ने शुक्लाफांटा नेशनल पार्क और जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ लंदन (जेडएसएल) नेपाल के सहयोग से ब्रह्मदेव कॉरिडोर और आसपास के इलाकों में एक जनवरी से बाघों की गणना की थी।

गणना के नतीजे सोमवार को सार्वजनिक किए गए। ब्रह्मदेव कॉरिडोर का क्षेत्रफल भले ही 166 वर्ग किलोमीटर है, लेकिन आसपास के इलाकों को मिलाकर बाघों की गणना 282 वर्ग किलोमीटर हुई।

इस क्षेत्र को 2/2 मीटर के 72 ग्रिड में बांटा गया था। प्रत्येक ग्रिड में 15 रातों के लिए एक जोड़ी स्वचालित कैमरे लगाए गए थे। ब्रह्मदेव से आगे भारत का नंधौर संरक्षित क्षेत्र है। यह मुख्य रूप से हाथियों का पारंपरिक मार्ग है।

जेडएसएल नेपाल के संरक्षण जीवविज्ञानी डॉ. दिनेश नेउपने ने बताया कि 2022 की राष्ट्रीय जनगणना में पकड़ा गया वयस्क नर बाघ अभी भी फंसा हुआ है।

सोमवार को महेंद्रनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कैमरा ट्रैप के नतीजे पेश करते हुए नेउपने ने कहा, “उस समय ब्रह्मदेव को कॉरिडोर में देखा गया था, लेकिन अब यह शुक्लाफांटा के बफर जोन में देखा गया है।” “क्या कॉरिडोर में अधिक गड़बड़ी के कारण यह बफर जोन में आया?”

उनके अनुसार, कैमरा ट्रैप में 43,000 से अधिक तस्वीरें कैद हुई हैं। जिनमें से केवल 1,207 जंगली जानवर हैं और बाकी पालतू जानवर और लोग हैं।

उन्होंने कहा, “बाघ शायद बफर जोन में चला गया है क्योंकि घास और जलाऊ लकड़ी के लिए लोगों की बहुत आवाजाही होती है।” कैमरे जिन ग्रिडों में लगाए गए हैं, उन सभी में लोग और पालतू जानवर दिखाई दे रहे हैं।

2022 की राष्ट्रीय बाघ गणना के दौरान ब्रह्मदेव के साथ डडेलधुरा जिला के जोगबुड़ा क्षेत्र में भी कैमरे लगाए गए थे।

बिल्ली प्रजातियों में जंगली बिल्लियों से लेकर बाघ और बड़ी प्रजातियों के तेंदुए भी कैमरे में कैद हुए हैं। क्षेत्र में 19 जगहों पर तेंदुए पकड़े गए हैं, जबकि 3 जगहों पर लकड़बग्घे पकड़े गए हैं।

न्यूपेन के अनुसार, जंगली जानवरों की 17 प्रजातियां पाई गई हैं, जिनमें 6 शाकाहारी, 7 मांसाहारी और 4 सर्वाहारी शामिल हैं। 1 जनवरी से की गई गणना में 32 तकनीशियन, सामुदायिक वन अधिकारी और छात्रों को लगाया गया था।

इस अध्ययन से कॉरिडोर क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण और पर्यावास प्रबंधन में मदद मिलने की उम्मीद है। पिछले साल की बाघ गणना में शुक्लाफांटा राष्ट्रीय उद्यान में 42 बाघ पाए गए थे। हालांकि राष्ट्रीय बाघ गणना हर चार साल में की जाती है, लेकिन यह हर साल उन क्षेत्रों में की जाती है जहां अवैध शिकार का खतरा होता है और संख्या कम होती है यहां हर साल बाघों की आंतरिक गणना की जाती है।

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