भारत-नेपाल सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल। अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भारत ने नेपाल में 12 जलविद्युत परियोजनाओं से 251 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीदने की मंजूरी दे दी है।
अब नेपाल पहली बार मध्यावधि बिजली बिक्री समझौते के जरिये बिहार को बिजली निर्यात करने जा रहा है ।
अब तक नेपाल से केवल 690 मेगावाट (16 परियोजनाओं से) निर्यात किया गया है, अब 941 मेगावाट (28 परियोजनाओं से) निर्यात किया जाएगा।
भारत के अतिरिक्त 251 मेगावाट लेने के फैसले को मंजूरी मिलने से पहले, नेपाल ने पिछले वित्तीय वर्ष में भारत को 16.93 अरब रुपये की बिजली बेची और नेपाल शुद्ध बिजली निर्यातक और शुद्ध राजस्व जनरेटर बन गया है।
अक्टूबर 2021 में, भारत ने पहली बार नेपाल से भारत को 39 मेगावाट बिजली के निर्यात की अनुमति दी। तीन साल से भी कम समय में ये आंकड़ा 24 गुना से ज्यादा बढ़ गया है ।
भारतीय दूतावास के अनुसार, चूंकि नेपाल ने पहली बार भारतीय ऊर्जा एक्सचेंज के डे-अहेड मार्केट में बेचकर ऊर्जा का निर्यात शुरू किया है, इसलिए भारत ने नेपाल में उत्पादित बिजली के लिए वास्तविक समय के बाजार तक पहुंच भी प्रदान की है।
नेपाल विद्युत प्राधिकरण ने हरियाणा और बिहार की डिस्कॉम के साथ एक मध्यम अवधि की बिजली बिक्री समझौता भी किया है।
भारत ने अपने घरेलू खरीदारों के लिए जलविद्युत खरीद दायित्व (एचपीओ) के हिस्से के रूप में नेपाल से जलविद्युत आयात को गिनने का प्रावधान भी खोला है। जो खरीदारों को नेपाल से बिजली खरीदने के लिए प्रोत्साहित करता है।
नेपाल और भारत के बीच दीर्घकालिक ऊर्जा समझौते में अगले 10 वर्षों में नेपाल से भारत को 10,000 मेगावाट तक बिजली की बिक्री की परिकल्पना की गई है।
इस समझौते के पहले वर्ष में लगभग 1000 मेगावाट का निर्यात किया गया है।
इन गतिविधियों के साथ, नेपाल दक्षिण एशिया क्षेत्र में जलविद्युत का प्रमुख निर्यातक बनने की राह पर है।
बांग्लादेश को 40 मेगावाट बिजली बेचने के समझौते पर 28 जुलाई 2024 को हस्ताक्षर करने की योजना थी।
हालाँकि, बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के कारण इसे स्थगित कर दिया गया है।
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