रायबरेली संवाददाता संदीप मिश्रा की रिपोर्ट
रायबरेली एक तरफ बिजली कटौती का मामला सांसद और विधायक उठा रहे हैं तो दूसरी ओर बिजली विभाग कुछ ऐसी मनमानी कर रहा है जिसके चलते किसी भी आदेश का पालन जमीन पर नहीं हो पा रहा है खाने को तो बिजली विभाग कटिया कनेक्शन लगाने वालों पर सख्त कार्यवाही करने की बात कहती है लेकिन मधुबन रेलवे क्रॉसिंग पर स्थित बिजली विभाग के कार्यालय में टेनेट ठेकेदारी की प्रथा में कुछ ऐसे कर्मचारी हैं। जो अपना कार्यालय अलग चला रहे हैं इनके लिए इन ठेकेदारी प्रथा पर काम करने वाले कर्मचारियों ने लोगों को कटिया कनेक्शन दे रखे हैं जिसकी वसूली भी यही कर्मचारी करते हैं कहा जा सकता है कि आज उनके क्षेत्र में आने वाले तमाम कनेक्शन कटिया के सहारे चल रहे हैं जिनकी कहीं भी कभी कोई सरकारी वसूली नहीं होती है बस इन कर्मचारियों को जो भी उपभोक्ता दे देता है उसी में खुश हो जाते हैं और नतीजा यह है कि राज्य सरकार की महंगी बिजली इन कर्मचारियों के बदौलत फ्री में लोगों को बाटी जा रही है अगर यही मुक्त बिजली बांटने की घोषणा यदि कोई राजनीतिक दल कर दे तो उसे पर बवाल मच जाता है लेकिन ठेकेदार कर्मचारियों ने सभी राजनीतिक दलों के ऊपर जाकर अपनी अलग घोषणा कर रखी है जिसके अनुसार यदि घटिया लगाना है तो महीने का अलग खर्च देना पड़ेगा इस मामले में एक नाम सबसे आगे निकलकर आप आ रहा है जिसे मधुबन के बिजली विभाग वाले मंत्री के नाम से जानते हैं अब जब मंत्री का पद ही दे दिया गया है तो अंदाजा लगा सकते हैं कि मंत्री जी किस तरह अपना काम करते होंगे।
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