संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

काठमाण्डौ,नेपाल – भारत-नेपाल सीमा के रक्सौल स्थित मैत्री पुल के पैदल पथ पर सोमवार की शाम भारतीय सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 47वीं बटालियन द्वारा अचानक नई चौकी का निर्माण शुरू किए जाने से सीमा क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालांकि यह स्थान भारतीय भूमि सीमा शुल्क क्षेत्र में आता है, लेकिन भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों ने एसएसबी द्वारा बिना पूर्व अनुमति के निर्माण कार्य किए जाने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने इस कार्य को अवैध घोषित करते हुए इसे तत्काल रोकने का निर्देश दिया था।
सीमा शुल्क आयुक्त मोहन कुमार मीना के अनुसार भूमि सीमा शुल्क परिसर में बिना अनुमति के कोई अन्य सुरक्षा एजेंसी निर्माण या स्थायी रूप से तैनाती नहीं कर सकती है। इस कारण पूर्वी चंपारण के डीएम और एसपी को घटना की जानकारी दे दी गई है और हरैया थाने में एसएसबी के अतिक्रमण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है।
घटना की सूचना मिलने पर नेपाल सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) परसा जिला के डीएसपी लोकेंद्र बहादुर सुब्बा मौके पर पहुंचे। उन्होंने निर्माण पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे ‘नो मैन्स लैंड’ पर अतिक्रमण बताया। साथ ही चेतावनी दी कि इस तरह की एकतरफा कार्रवाई से भारत और नेपाल के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध खराब होंगे। उधर, एसएसबी 47 बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट दिव्यांशु चौहान ने दावा किया कि भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 15 किलोमीटर के दायरे में अस्थायी चौकी का निर्माण किया जा रहा है।
घटनास्थल पर एसएसबी अधिकारियों, नेपाली एपीएफ और कस्टम अधिकारियों के बीच लंबी चर्चा के बावजूद कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका है। दोनों देशों की एजेंसियों के बीच बातचीत जारी है और कूटनीतिक स्तर पर समाधान की पहल भी शुरू हो गई है। 10 मार्च 2024 को एसएसबी के तत्कालीन महानिरीक्षक पंकज दरार के निर्देश पर वहां बनी अस्थायी चौकी को हटा दिया गया था। उसके बाद हेल्प डेस्क के तौर पर सिर्फ दो महिला सशस्त्र पुलिस को रखा गया था। हालांकि अब जब चौकी का निर्माण फिर से शुरू हुआ है तो पुराना विवाद फिर से भड़क गया है। सीमा पर अब सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती है और स्थानीय स्तर पर चिंता और तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों के सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों के बीच बातचीत और कूटनीतिक संवाद के ज़रिए समाधान निकालने की कोशिशें जारी हैं।
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