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रामजन्मभूमि के विवादित ढाचा को राम भक्तो ने 06 दिसम्बर को गिराकर सनातन धर्म के शौर्य गाथा लिख दिया नरसिंह पाण्डेय

संवाददाता शिवानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट

नौतनवा महाराजगंज। राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के अध्यक्ष रहे गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज के नेतृत्व में   चलाए गए एक लंबे आंदोलन के बाद राम भक्तों ने 6 दिसंबर 1992 को अपने प्राणों की आहुति देकर विवादित ढांचे को गिराकर  राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। तब जाकर वहां भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण हो पाया है राम भक्तों द्वारा लिखी गई शौर्य गाथा को कभी विस्मृत नहीं किया जा सकता उक्त बातें हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व जिलाध्यक्ष नरसिंह पाण्डेय ने शुक्रवार को  नौतनवां स्थिति संगठन कार्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा  उन्होंने यह भी कहा कि उनके बलिदान का परिणाम है कि आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन सका है जहां देश और दुनिया के कोने-कोने से हिंदू समाज के लोग अयोध्या आकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का दर्शन कर रहे हैं। वरिष्ठ कार्यकर्ता हरि नारायण सिंह लोधी ने कहा कि यह कार्य तभी संभव हो पाया है जब केंद्र व प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महराज बने हैं। हमें राम भक्तों की शौर्य गाथा को कभी भूलने की आवश्यकता नहीं है। राम जन्मभूमि मुक्ति के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कोठारी बंधु सहित सभी लोग  हम सबके प्रेरणा स्रोत हैं। पूर्व ब्लाक अध्यक्ष जगदीश साहनी ने कहा कि अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए इनसे हमें ऊर्जा मिलती रहेगी। कार्यकर्ताओं ने कार्यालय पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के चित्र पर माल्यार्पण तथा उनकी आरती कर शौर्य दिवस मनाया तथा अपने धर्म और संस्कृत तथा समाज की रक्षा का संकल्प लिया इस अवसर पर हरिनारायण सिंह लोधी जगदीश साहनी राजकुमार गुप्ता राजकुमार नायक संतोष मोदनवाल सागर विश्वकर्मा संदीप सिंह राधेश्याम यादव जितेंद्र यादव राजेंद्र आशुतोष त्रिपाठी सुनील त्रिपाठी उपेंद्र चौधरी आदि लोग मौजूद रहे।

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