सन्दीप मिश्रा की रिपोर्ट

रायबरेली के छोटा घोसियाना और आसपास के क्षेत्रों (सत्य नगर, चंद्र नगर, मधुबन, निराला नगर) में पिछले दो महीनों से विद्युत विभाग की एक कथित विजिलेंस टीम द्वारा सुबह 4:00 से 5:00 बजे के बीच छापेमारी की जा रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह टीम बिना पूर्व सूचना या अनुमति के जबरन घरों में घुसकर चेकिंग करती है और चेकिंग के नाम पर धन उगाही का काम कर रही है।
स्थानीय लोगों की शिकायतें: अनधिकृत प्रवेश और अभद्रता:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह टीम, जिसमें दो पुलिस की वर्दी पहने लोग (एक महिला कांस्टेबल और एक पुरुष) और एक व्यक्ति जो स्वयं को विद्युत विभाग का अधिकारी बताता है, सुबह-सुबह बिना अनुमति घरों में घुस जाती है। खासकर, जब घर में महिलाएं सो रही होती हैं, तब भी कोई समय या गोपनीयता का ध्यान नहीं रखा जाता, जिससे महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतें सामने आई हैं।
धन उगाही के आरोप: लोगों का दावा है कि यह टीम बिजली चोरी या अन्य उल्लंघनों के नाम पर भारी जुर्माना लगाकर नकद वसूली करती है। पिछले दो महीनों से यह रोजाना सुबह की कार्रवाई लाखों रुपये की वसूली के साथ समाप्त होती है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है।
अनुचित समय: सुबह 4:00 बजे का समय छापेमारी के लिए असामान्य और असुविधाजनक है, जिससे निवासियों की निजता और सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
आज की घटना: आज, 29 अगस्त 2025 को सुबह 4:00 बजे छोटा घोसियाना में इस टीम ने फिर से छापेमारी की। जब मीडिया ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली, तो विजिलेंस टीम के एक जूनियर इंजीनियर (जेई) ने दावा किया कि यह अभियान विद्युत खंड प्रथम, रायबरेली के आदेश पर चलाया जा रहा है। हालांकि, बिना अनुमति और पारदर्शिता के इस तरह की कार्रवाई पर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए हैं
स्थानीय लोगों में आक्रोश: लगातार दो महीने से चल रही इस कार्रवाई ने सत्य नगर, चंद्र नगर, मधुबन, निराला नगर, और छोटा घोसियाना के निवासियों में भारी असंतोष पैदा किया है। लोग इसे भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का मामला मान रहे हैं।
यह मामला गंभीर है, क्योंकि इसमें न केवल भ्रष्टाचार और अनधिकृत कार्रवाई के आरोप हैं, बल्कि निजता और महिलाओं की गरिमा का उल्लंघन भी शामिल है।
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