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विश्वविद्यालय ने 66 शोधार्थियों को दिया अनुसंधान उत्कृष्टता पुरस्कार

विशेष संवाददाता अर्चना पाण्डेय की रिपोर्ट

• भौतिकी विभाग के डॉ. अम्बरीश उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार के लिए चयनित

गोरखपुर।  दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में अनुसंधान उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए कुलपति प्रो पूनम टंडन ने 17 फरवरी को अनुसंधान उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया है। यह पुरस्कार मुख्य रूप से शोधार्थियों द्वारा स्कोपस या वेब ऑफ साइंस में सूचीबद्ध और क्वारटाइल रैंकिंग (Q1-Q4) जर्नल्स में किए गए प्रकाशनों के मूल्यांकन पर केंद्रित है। इन पुरस्कारों का उद्देश्य उच्च प्रभाव वाले अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशन को प्रोत्साहित करना और गोरखपुर विश्वविद्यालय की शैक्षणिक प्रतिष्ठा एवं शोध अभिवृति को बढ़ाना है। विश्वविद्यालय इसे अपने हीरक जयंती वर्ष में प्रदान कर रहा है।

विभागवार शोधकर्ताओं के पुरस्कार की सूची
ये पुरस्कार प्लेटिनम, डायमंड, गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज श्रेणियों में विभाजित किए गए थे, जो जर्नल की रैंकिंग के आधार पर विभिन्न स्तरों की सफलता को दर्शाते हैं।
इसमें भौतिकी विभाग के 18, गणित एवं सांख्यिकी के 6, जैवप्रौद्योगिकी के 9, रसायन विज्ञान के 7, वनस्पति विज्ञान के 14, प्राणि विज्ञान के 4 समेत इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिक सूक्ष्मजैविकी, वाणिज्य, मनोविज्ञान के शोधकर्ता शामिल हैं। इन 66 शोधकर्ताओं के पुरस्कार की कुल धनराशि लगभग 5 लाख रुपए है। शीर्ष 5 शोधकर्ताओं में क्रमशः भौतिकी विभाग के डॉ. अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव को 51000, गणित एवं सांख्यिकी विभाग के डॉ. राजेश कुमार को 28500, जैवप्रौद्योगिकी विभाग के प्रो. राजर्षि गौर को 22500 एवं प्रो. दिनेश यादव को 21500 तथा प्राणि विज्ञान विभाग के डॉ. महेन्द्र प्रताप सिंह को 16500 की पुरस्कार राशि दी गई है। ज्ञात हो कि डॉ. अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव एवं डॉ. राजेश कुमार के शोधपत्रों के आधार पर विश्वविद्यालय को नेचर इंडेक्स में शीर्ष 100 संस्थानों में स्थान प्राप्त हुआ है।

उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार
इन में सर्वाधिक पुरस्कार भौतिकी विभाग के शोधकर्ताओं ने हासिल किए हैं। वहीं भौतिकी विभाग के ही डॉ. अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव की शोध गतिविधियों के व्यापक विश्लेषण के आधार पर, जिसमें Q1/Q2/Q3/Q4 जर्नल्स में प्रकाशन, पेटेंट (प्रकाशित या स्वीकृत), प्रकाशित पुस्तकें और परियोजनाएं (स्वीकृत और जारी) शामिल हैं, “उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार” दिया गया है। इसमें ₹ 21,000/- की नकद राशि और एक विशेष मान्यता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। उत्कृष्ट शोधकर्ता पुरस्कार के लिए कुल 19 प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। जिसमें भौतिकी विभाग के डॉ. अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव को सर्वाधिक 347 अंक मिले। वहीं दूसरे एवं तीसरे स्थान पर जैवप्रौद्योगिकी के क्रमशः प्रो दिनेश यादव एवं प्रो. राजर्षि गौर रहे।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने दी बधाई
सभी पुरस्कृत शोधकर्ताओं को बधाई देते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान उनके शोधकर्ताओं, जिनमें शिक्षक एवं छात्र दोनों शामिल हैं, से होती है। हमें आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है कि इस पहल से विश्वविद्यालय के शोध वातावरण में नई ऊर्जा का संचार होगा। आने वाले समय में विश्वविद्यालय की वैश्विक छवि एवं रैंकिंग में बढ़ोत्तरी होगी।

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