भारत- नेपाल सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल – एनसीपीए (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ने कहा है कि नेपाल को शांति क्षेत्र घोषित करने का महत्व बढ़ रहा है।
उन्होंने लोगों द्वारा गठित शांति क्षेत्र अभियान के ज्ञापन को समझते हुए कहा कि नेपाल को टकरावपूर्ण होती जा रही विश्व राजनीति की चपेट से बचाने और राष्ट्रीय स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए शांति क्षेत्र के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का समय आ गया है।
अध्यक्ष दहाल ने अब कहा कि शांति क्षेत्र का प्रस्ताव देश को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण ‘एजेंडा’ हो सकता है।
पूर्व प्रधान मंत्री दहाल ने कहा, “कल पंचायत अवधि के दौरान, उस समय की राजनीतिक स्थिति के कारण, इसके पक्ष और विपक्ष में वोट पड़े, कोई भी पार्टी इसका समर्थन करने की स्थिति में नहीं थी,” ।
लेकिन अब शांति की घोषणा का महत्व बदली हुई राजनीतिक परिस्थिति और विश्व परिस्थिति में राष्ट्रीय स्वतंत्रता की रक्षा का क्षेत्र बढ़ रहा है।”
नेपाल के लिए शांति क्षेत्र की घोषणा को लेकर पार्टी के भीतर चर्चा की तैयारी का जिक्र करते हुए अध्यक्ष दहाल ने कहा, ‘मैं इस पर खुली चर्चा के पक्ष में हूं और हम पार्टी की ओर से ही इस मामले पर स्पष्ट रुख अपनाएंगे.’। ‘
उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि वे केंद्रीय समिति की बैठक की तैयारी कर रहे हैं, अगर ऐसा ही है तो इसे इस बैठक से प्रस्ताव के तौर पर भी लिया जा सकता है ।
अध्यक्ष दहाल ने विश्व शांति के केंद्र लुंबिनी को मुख्य आधार बनाकर इस क्षेत्र को शांति क्षेत्र के रूप में आगे बढ़ाने की जरूरत बताई और कहा कि यह सकारात्मक है कि लोगों के स्तर से इस पर बहस शुरू हो गई है ।
उन्होंने अपनी पार्टी की ओर से इस अभियान को समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की ।