रायबरेली संवाददाता संदीप मिश्रा की रिपोर्ट

खंड शिक्षा अधिकारी ने मांगे 30 हजार रुपए, न देने पर शिक्षक को कार्रवाई की धमकी दी।
रायबरेली। विकास कार्यों के लिए आया पैसा विकास कार्यों में नही लग पाता है क्योंकि उस पैसे का बंदर बाट हो जाता है। जो ईमानदारी से काम करना भी चाहता है तो उस पर भ्रष्ट अधिकारी अपना हक जमाने आ जाते है। नतीजा यह होता है की विकास कार्य तो भ्रष्टाचार की भेट चढ़ जाता है। ईमानदार आदमी की ईमानदारी भी दांव पर लग जाती है कुछ ऐसा ही बेसिक शिक्षा परिषद के एक स्कूल में देखने को मिला जहां अतिरिक्त कक्ष बनवाने में लगे शिक्षक से खंड शिक्षा अधिकारी अपना हिस्सा मांगने पहुंच गए और हिस्सा न मिलने पर थाना पुलिस से लेकर विभागीय कार्यवाही तक पर उतर आए।
शिक्षक अभिषेक मिश्रा,प्राथमिक विद्यालय अचाकापुर विकास क्षेत्र डलमऊ में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत है। विद्यालय में अतिरिक्त कक्ष के निर्माण हेतु धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति खाते में प्राप्त हुई थी। विद्यालय में शिक्षक श्री मिश्र अतिरिक्त कक्ष का निर्माण कर रहा थे। घटना दिनांक 31 अगस्त 2024 को 9:30 बजे खंड शिक्षा अधिकारी नंदलाल रजक विद्यालय में शिक्षक श्री मिश्र के पास आए और ₹30000 रिश्वत मांगने लगे । किंतु शिक्षक ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया तो खंड शिक्षा अधिकारी मां बहन की भद्दी भद्दी गालियां देते हुए श्री मिश्र को किसी फर्जी मामले में फंसा देने की धमकी दिया भी कहा कि स्पेंड करा दूंगा । बच्चे भूखे मर जाएंगे।
पीड़ित शिक्षक ने इस मामले की शिकायत अपने जिले के शिक्षा अधिकारियों से लेकर थाने में दर्ज करवाई है अब देखना यह है कि ईमानदारी और बेईमानी में किसकी जीत होती है।
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