भारत-नेपाल सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
अमेरिका को द्वीप नहीं देने पर गिरा दी थी सरकार, कट्टरता के भ्रम में न पड़ें लोग- हसीना
काठमाण्डौ,नेपाल। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक हफ्ते बाद शेख हसीना ने अमेरिका पर उनकी सरकार को गिराने का आरोप लगायी है ।
सुत्रो के मुताबिक, हसीना ने कहा कि जब बांग्लादेश ने सेंट मार्टिन द्वीप अमेरिका को नहीं सौंपा तो उनकी सरकार का तख्तापलट कर दिया गया।
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, हसीना ने एक मीडिया रिपोर्ट में अपने करीबी सहयोगियों के हवाले से कहा, ”मैं कट्टरपंथी हिंसा के कारण होने वाली मौतों की संख्या को बढ़ने नहीं देना चाहती थी।” वे छात्रों की लाशों से सत्ता पाना चाहते थे। लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया. मैं सेंट मार्टिन द्वीप और बंगाल की खाड़ी को अमेरिकी नियंत्रण में देकर अपनी सीट बचा सकती था। मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि वे कट्टरपंथ के बहकावे में न आएं।’ अल्लाह की कृपा से मैं जल्द ही बांग्लादेश लौटूंगी।’
छात्र आंदोलन के बारे में बात करते हुए हसीना ने कहा- ‘मैंने उन्हें रजाकार नहीं कहा। देश में अस्थिरता लाने के लिए मेरी बातों का गलत मतलब निकाला गया । बांग्लादेश के लोगों की मासूमियत का फायदा उठाकर ये साजिश रची गई है।
यह पहली बार है जब हसीना ने अपने इस्तीफे के बाद इस मुद्दे पर कोई बयान दिया है।
इससे पहले जून 2021 में बंगाली अखबारों में दावा किया गया था कि अमेरिका ने बांग्लादेश से सेंट मार्टिन द्वीप मांगा है।
अमेरिका यहां सैन्य अड्डा बनाना चाहता है. इसके बाद बांग्लादेश वर्कर्स पार्टी के अध्यक्ष राशिद खान मेनन ने भी संसद में कहा कि अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप का अधिग्रहण करना चाहता है और क्वाड का सदस्य बनने पर जोर दे रहा है।
सेंट मार्टिन द्वीप, जिसने बांग्लादेशी राजनीति में इतनी हलचल पैदा की है, केवल 3 वर्ग किलोमीटर का एक द्वीप है।
म्यांमार से इसकी दूरी केवल 5 मील है।
जून 2023 में, प्रधान मंत्री हसीना ने कहा कि यदि विपक्षी बीएनपी सत्ता में आई तो वह सेंट मार्टिन को बेच देंगी।
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