भारत-नेपाल सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने भारत से संविधान के अनुसार 90 दिनों के भीतर बांग्लादेश में चुनाव कराने में अग्रणी भूमिका निभाने को कहा है।
मंगलवार को दिए इंटरव्यू में जॉय ने इस बात पर जोर दिया कि बांग्लादेश के संविधान का पालन करते हुए तय समय में ही चुनाव पूरे हो जाने चाहिए ।
“मुझे उम्मीद है कि भारत 90 दिनों की संवैधानिक समय सीमा के भीतर चुनाव कराने में भूमिका निभाएगा। और यह सुनिश्चित करेगा कि अवामी लीग को प्रचार करने और खुद को पुनर्गठित करने की अनुमति दी जाए।
अगर यह सुनिश्चित किया जाता है, तो मुझे अभी भी विश्वास है कि हम चुनाव जीतेंगे।
हम जॉय ने एक साक्षात्कार में कहा, ”अभी भी हम सबसे लोकप्रिय पार्टी हैं।”
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि छात्र आंदोलन को ठीक से प्रबंधित करने में सरकार की विफलता के कारण राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि सरकार को शुरुआत में ही प्रदर्शनकारियों से बातचीत करनी चाहिए थी और विवादित आरक्षण के खिलाफ बोलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ ।
“मुझे लगता है कि हमारी सरकार को कोटा के खिलाफ बोलने के लिए अदालत पर निर्भर रहने के बजाय शुरुआत में ही प्रदर्शनकारियों से मिलना चाहिए था।
सरकार ने कोटा कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि हमें कोटा के खिलाफ बोलना चाहिए हालाँकि, हमारी सरकार ने वह कदम नहीं उठाया,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन में विदेशी खुफिया एजेंसियां शामिल हो सकती हैं।
“कई प्रदर्शनकारियों को हथियारों के साथ देखा जाता है, जबकि बांग्लादेश में हथियार प्राप्त करना बहुत मुश्किल है। क्योंकि पिछले 15 सालों में हमने उग्रवाद पर काबू पा लिया है ।
उन्होंने कहा, “प्रदर्शनकारियों को हथियार मुहैया कराने वाला एकमात्र संगठन विदेशी खुफिया एजेंसियां हैं।”
5 अगस्त को अपनी मां शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने से पहले हुई घटनाओं को याद करते हुए जॉय ने दावा किया कि शुरू में हसीना का देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं था।
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