नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
काठमाण्डौ,नेपाल। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (COP-29) में भाग लेने के लिए यहां आए राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल आज नेपाल की ओर से एक उच्च स्तरीय सत्र का संचालन कर रहे हैं।
‘पर्वतीय क्षेत्रों में जलवायु संबंधी क्षति का समाधान’ विषय पर सत्र में नेपाल विश्व समुदाय का ध्यान अपने ‘एजेंडे’ की ओर आकर्षित करेगा।
मंगलवार को सीओपी शिखर सम्मेलन में नेपाल की ओर से राष्ट्रीय राय व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति पौडेल ने विश्व समुदाय से इस वास्तविकता पर विचार करने का आह्वान किया कि पहाड़ों की सुरक्षा ही पृथ्वी की सुरक्षा है।
राष्ट्रपति पौडेल ने कहा, ‘आइए हम सब याद रखें कि पहाड़ों की सुरक्षा ही पृथ्वी की सुरक्षा है, दुनिया को यह तथ्य नहीं भूलना चाहिए कि पहाड़ी देशों के सफेद पहाड़ों को काले पहाड़ों में बदलने की प्रक्रिया न केवल उन देशों में संकट पैदा करेगी देशों में, बल्कि निचले तटीय देशों में भी।’
मंगलवार को मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मैज्जू के साथ हुई बैठक में राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि चूंकि नेपाल और मालदीव जैसे देश जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हैं, इसलिए उन्हें जलवायु वार्ता में सहयोग करना चाहिए ।
इस बार नेपाल ने राष्ट्रपति पौडेल के नेतृत्व में “वर्ल्ड लीडर्स क्लाइमेट एक्शन समिट” में भाग लिया है।
राष्ट्रपति पौडेल अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के निमंत्रण पर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को यहां पहुंचे।
सम्मेलन में 40 देशों के राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति और 35 देशों के प्रधानमंत्रियों सहित दुनिया के अधिकांश देशों से जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में काम करने वाले प्रभावशाली नेता चर्चा और वैश्विक सहयोग के लिए भाग ले रहे हैं।
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