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भारत में फैल रहा कोरोना का नया वैरिएंट, नेपाल की क्या है स्थिति?

नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

काठमाण्डौ,नेपाल – पड़ोसी देश भारत में कोविड-19 (कोरोना) वायरस संक्रमण बढ़ रहा है, ऐसी खबरें आ रही हैं। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 15 राज्यों में कुल 1009 सक्रिय कोरोना संक्रमित मरीज हैं। नया वैरिएंट जिस वायरस से संक्रमित पाया गया है, वह नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी देखा गया है।

कोरोना संक्रमण से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है, यह जानकारी भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है। ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट JN.1 और इसके उप-वैरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 वर्तमान में विश्व के कई देशों में फैलते पाए गए हैं।

एशियाई देश जैसे सिंगापुर, हांगकांग, चीन, थाईलैंड और भारत में कोरोना के नए मामलों की संख्या उल्लेखनीय रूप से बढ़ रही है।

भारत समेत अन्य देशों में कोरोना संक्रमण बढ़ने की खबरों के बाद नेपाल में भी इसे लेकर चिंता बढ़ने लगी है। लोगों में यह डर देखा जा रहा है कि कहीं यह पहले की तरह महामारी बनकर फिर से न सताने लगे।

नेपाल में संक्रमण फैलने की कितनी संभावना है? नया वैरिएंट कितना संक्रामक और घातक है? — ऐसे कई सवाल लोगों के मन में हैं।

नेपाल की स्थिति क्या है?
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. शेर बहादुर पुन का कहना है कि नेपाल में फिलहाल कोरोना वायरस को लेकर डरने जैसी कोई विशेष स्थिति नहीं है, क्योंकि अभी इसके बारे में अधिक तथ्य सामने नहीं आए हैं।

उन्होंने कहा, “अभी जो वैरिएंट फैल रहा है, वह कितना संक्रामक और घातक है, यह महत्वपूर्ण होता है। भारत समेत पड़ोसी देशों के आंकड़ों को देखें तो यह ज्यादा घातक या संक्रामक नहीं लग रहा, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।”

हालांकि, डॉ. पुन ने चेताया कि जिन लोगों ने कोरोना का टीका नहीं लगवाया है, बच्चे और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों में संक्रमण की संभावना अधिक हो सकती है, इसलिए सतर्क रहना चाहिए।

उनका मानना है कि अतीत में कोरोना का उतार-चढ़ाव देख चुके लोगों में इस बारे में चिंता और जिज्ञासा बढ़ना स्वाभाविक है।

वे कहते हैं, “वैरिएंट सामने आते ही लोग उसकी संक्रामकता और जटिलता को लेकर चिंतित हो जाते हैं। वायरस समय-समय पर बदलते रहते हैं, कभी-कभी घातक भी हो सकते हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।”

यदि किसी व्यक्ति में लक्षण जैसे जुकाम-खांसी दिखते हैं, तो उसे नजरअंदाज न करने की सलाह दी गई है।

मौसमी बदलाव के समय और सर्दियों में जुकाम, खांसी और बुखार की समस्या आम होती है। चूंकि कोरोना में भी ये लक्षण दिखते हैं, ऐसे में संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर लोग आशंका कर सकते हैं। लेकिन यह जानने के लिए कि यह वाकई नया वैरिएंट है या नहीं, जांच आवश्यक है – डॉ. पुन ने बताया।

सरकार की तैयारी क्या है?
स्वास्थ्य तथा जनसंख्या मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. प्रकाश बुढाथोकी का कहना है कि इस नए वैरिएंट को लेकर ज्यादा डरने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन भारत में नए संक्रमित मिलने के बाद सरकार ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है।

उन्होंने कहा, “भारत से सटी 17 सीमाओं पर कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश दे चुके हैं। संदिग्ध लक्षणों की पहचान और जांच कैसे करें, यह समझाकर जांच किट भी भेज चुके हैं।”

उनके अनुसार अन्य सीमाओं और अस्पतालों में यदि मरीज आते हैं तो उनके प्रबंधन के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। राष्ट्रीय जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला से सैम्पल लेकर जीन सिक्वेंसिंग की भी मांग की गई है। टेकु अस्पताल को भी तैयार रहने को कहा गया है।

बुढाथोकी ने आम लोगों से कहा है कि नेपाल में अभी यह नया वैरिएंट नहीं देखा गया है, और भारत में भी केवल थोड़ी मात्रा में देखा गया है, इसलिए ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है।

राष्ट्रिय जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला के सूचना अधिकारी सन्तोष सुवेदी ने बताया कि अभी नए वैरिएंट की जांच नेपाल में नहीं हुई है। “हालांकि आवश्यकता पड़ी तो हम जांच कर सकते हैं।”

उन्होंने बताया कि नियमित कोरोना जांच जारी है, और फिलहाल संक्रमितों की संख्या में वृद्धि नहीं देखी गई है। लेकिन अन्य देशों में संक्रमण बढ़ने की खबरों के बाद, संदेहास्पद लक्षण दिखने पर जांच के लिए आने वालों की संख्या थोड़ी बढ़ी है।

सतर्कता जरूरी
डॉ. पुन का कहना है कि कोविड-19 के प्रकार समय-समय पर अपना स्वरूप बदलते रहते हैं, इसलिए पूरी तरह निश्चिंत नहीं रहा जा सकता। इसलिए सतर्क रहना और स्वास्थ्य निर्देशों का पालन करना जरूरी है। उनका सुझाव है:

● साबुन-पानी से बार-बार हाथ धोना
● भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जाना
● मास्क लगाना
● खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने पर जांच करवाना

नेपाल में फिलहाल डरने जैसी स्थिति नहीं है, लेकिन भारत और अन्य देशों में संक्रमण फैलने के कारण सतर्कता बरतना आवश्यक है। मास्क पहनना, हाथ धोना और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराना सबसे बेहतर उपाय है।

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