संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

काठमाणडौ,नेपाल – कृषि उपकरण कंपनी ‘G2G’ का बहुप्रतीक्षित यूरिया उर्वरक नेपाल में प्रवेश करने लगा है। नेपाल सरकार ने यह उर्वरक सीधे भारत सरकार से खरीदा है, न कि किसी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से।
कोलकाता बंदरगाह से 2,500 टन उर्वरक लेकर इस खेप का पहला रैक मंगलवार को पड़ोसी भारतीय शहर बीरगंज के रक्सौल रेलवे स्टेशन पहुँचा।
कंपनी के बीरगंज प्रांतीय कार्यालय के प्रमुख दुर्गा प्रसाद पांडे ने बताया कि इसे ट्रक से लाकर कंपनी के बीरगंज प्रांतीय कार्यालय के गोदाम तक पहुँचाने की प्रक्रिया भी बुधवार से शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘बुधवार दोपहर 3 बजे तक हमारे गोदाम में यूरिया उर्वरक के कम से कम 25 ट्रक जमा हो चुके हैं।’ ‘संभावना है कि रक्सौल और बीरगंज के सिरसिया ड्राई पोर्ट पर आधे-आधे दिन के अंतराल पर उर्वरक पहुँचता रहेगा।’
भारत सरकार ने इस खेप के लिए उर्वरक आपूर्ति का ठेका अंतरराष्ट्रीय उर्वरक आपूर्तिकर्ता कंपनी आदित्य बिड़ला को दिया था।
कंपनी यह उर्वरक किसी तीसरे देश से लाई है। नेपाल सरकार चालू चावल फसल के मौसम को ध्यान में रखकर यह उर्वरक ला रही है।
‘जी2जी’ से आने वाले 30,000 टन यूरिया में से मधेश प्रांतीय कार्यालय को 11,500 टन, भैरहवा प्रांतीय कार्यालय को 10,000 टन और विराटनगर प्रांतीय कार्यालय को 8,500 टन यूरिया मिलेगा।
पांडे का दावा है कि इस साल उर्वरक के आंतरिक प्रबंधन में कार्यालय को कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि मुख्य बुवाई के मौसम में ही उर्वरक आना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि श्रावण के प्रथम सप्ताह से ही संभावना है कि डीएपी खाद की एक अन्य खेप भी आ जाएगी, जिसकी आयातक आदित्य बिड़ला कंपनी है, इसलिए इस वर्ष डीएपी खाद भी समय पर किसा को मिल सकेगी।
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