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3 अरब से अधिक का रक्तचंदन लावारिस हालत में

नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

काठमाण्डौ,नेपाल – अलग-अलग समय में तस्करों से जब्त किए गए तथा लावारिस हालत में पाए गए 2 लाख 11 हजार 54 किलो रक्तचंदन लावारिस हालत में पड़े हैं। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इसकी अनुमानित बाजार कीमत प्रति किलो लगभग 15,410 रुपये है, जिसके हिसाब से इन लकड़ियों की कुल कीमत लगभग 3 अरब 25 करोड़ 23 लाख 42 हजार 140 रुपये होती है। यह लकड़ी वन तथा भू–संरक्षण विभाग की देशभर की शाखाओं में बिखरी पड़ी है।

दुर्लभ वन्यजन्तु तथा वनस्पति के अंतरराष्ट्रीय व्यापार (CITES) संधि के अनुसार, रक्तचंदन का परिवहन और बिक्री प्रतिबंधित है और जब्त किया गया रक्तचंदन संबंधित देश को ही वापस करना होता है। जब्त किए गए रक्तचंदन में से अदालत की प्रक्रिया पूरी हो चुके लगभग 1 लाख 68 हजार 572 किलो रक्तचंदन भारत को वापस भेजने की प्रक्रिया विभाग ने शुरू की है। इससे पहले विभिन्न समयों में 36 हजार 928 किलो रक्तचंदन भारत को सौंपा जा चुका है।

अलग-अलग समय में जब्त किए गए कुल 19 हजार 324 किलो लकड़ी विभाग के अनुसार गायब है। विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, लगभग 655 किलो लकड़ी अंतिम संस्कार के लिए भी उपयोग की गई है। इनमें काठमाण्डौ में 619 किलो, नवलपरासी जिला में 11 किलो और सिन्धुपालचोक जिला में 24 किलो लकड़ी अंतिम संस्कार में उपयोग की गई।

विभाग के अनुसार, वर्तमान में कानूनी कार्रवाई में शामिल रक्तचंदन की मात्रा 16 हजार 487 किलो है, जबकि अदालत से निर्णय हो चुके 1 लाख 89 हजार 376 किलो, अदालती प्रक्रिया में चल रहे 2 लाख 5 हजार 863 किलो, और लावारिस हालत में पड़े 62 हजार 97 किलो हैं। अदालती प्रक्रिया में और लावारिस दोनों मिलाकर कुल मात्रा 2 लाख 67 हजार 961 किलो है।

चितवन, सर्लाही, दोलखा, झापा, नवलपरासी, ताप्लेजुंग, कपिलवस्तु, धादिङ, तेह्रथुम, रसुवा, रूपन्देही, बझाङ, काभ्रेपलाञ्चोक, भक्तपुर, सिन्धुपाल्चोक, ललितपुर, काठमाण्डौ, गोरखा, संखुवासभा, सप्तरी जैसे जिलों में इसका कारोबार अधिक होता पाया गया है।

प्रहरी (पुलिस) प्रधान कार्यालय नक्साल के आंकड़ों के अनुसार, नेपाल में पिछले 5 वर्षों में कुल 1106 किलो रक्तचंदन जब्त किया गया है, जिसकी कीमत 1 करोड़ 70 लाख 44 हजार 248 रुपये है।

पुलिस के अनुसार, 2020 में ललितपुर से 22.66 किलो रक्तचंदन जब्त किया गया था, जिसकी कीमत 3 लाख 38 हजार 951 रुपये थी। 2021 और 2022 में रक्तचंदन की तस्करी के मामले पुलिस को नहीं मिले। 2023 में 1 करोड़ 6 लाख 3 हजार रुपये मूल्य का 653.15 किलो रक्तचंदन बरामद हुआ।

गत वर्ष 2024 में 66 लाख 39 हजार 986 रुपये मूल्य का 431 किलो रक्तचंदन जब्त किया गया। तस्करी में संलिप्त होने के आरोप में पुलिस ने 2020 में 4 लोगों को, 2023 में 8 और 2024 में 2 लोगों को गिरफ्तार किया। गत वर्ष 1 माघ को पेप्सीकोला से उपत्यका अपराध अनुसन्धान कार्यालय ने एक साथ 431 किलो रक्तचंदन बरामद किया, जिसकी अनुमानित कीमत 66 लाख 39 हजार 986 रुपये थी।

पुलिस प्रवक्ता रमेश थापा के अनुसार, रक्तचंदन की ऊँची कीमत के कारण तस्कर जल्दी पैसा कमाने के लालच में इसकी तस्करी करते हैं। ‘मुख्यतः नेपाल की खुली सीमा के कारण यह भारत से तस्करी कर चीन ले जाया जाता है,’ वे कहते हैं।

वन तथा संरक्षण विभाग की अधिकारी सबनम पाठक के अनुसार, तस्करी किया गया रक्तचंदन जिस देश से आया है, उसे वहीं लौटाना होता है। भारत से नेपाल लाया गया रक्तचंदन जब अदालत प्रक्रिया से मुक्त हो गया, तब भी भारत ने उसे वापस नहीं लिया, जबकि नेपाल सरकार की कैबिनेट ने अनुमति दे दी थी।

‘कैबिनेट बैठक से स्वीकृति मिलने के 90 दिनों के भीतर रक्तचंदन ले जाना होता है, लेकिन भारत ने 3 बार समयसीमा पार कर दी और अब तक नहीं ले गया,’ वे बताती हैं। रक्तचंदन को दुनिया की सबसे महंगी लकड़ियों में गिना जाता है। भारत के आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना राज्यों में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

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