
सन्दीप मिश्रा
रायबरेली में ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह ने हाल ही में जिला अस्पताल चौराहे के पास आधा दर्जन मेडिकल स्टोरों पर छापा मारा। इस दौरान उन्होंने मेडिकल स्टोर संचालकों के बीच हड़कंप मचा दिया। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला:
छापेमारी की कार्रवाई
ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह ने अपनी टीम और पुलिस के साथ शहर के विभिन्न मेडिकल स्टोरों पर छापा मारा। इस दौरान उन्होंने दवाओं की गुणवत्ता और बिक्री के रिकॉर्ड की जांच की। छापेमारी में कई मेडिकल स्टोरों पर अनियमितताएं पाई गईं, जिनमें बिना कैश मेमो के दवाओं की बिक्री और शेड्यूल एच-1 की दवाओं का रिकॉर्ड नहीं रखना शामिल है।
अनियमितताओं पर कार्रवाई
ड्रग इंस्पेक्टर ने अनियमितताओं पर चार मेडिकल स्टोरों को नोटिस जारी किया। उन्होंने बताया कि छापे में मेडिकल स्टोर में बिना कैश मेमो के दवाओं की बिक्री पकड़ी गई। इसके अलावा, उन्होंने 13 दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी और नारकोटिक्स दवाओं की बिक्री में गड़बड़ी पाए जाने पर कार्रवाई की। ड्रग इंस्पेक्टर ने बिल न काटने वाले मेडिकल संचालकों को दुकान बंद करने का निर्देश दिया है और कहा है कि जब तक बिल नहीं मिलेगा, तब तक दुकानों से क्रय विक्रय पर रोक लगा दी गई है।
ड्रग इंस्पेक्टर की भूमिका
ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उनकी टीम नियमित रूप से मेडिकल स्टोरों की जांच करती है। उनका उद्देश्य दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। वे मेडिकल स्टोर संचालकों को नियमों का पालन करने और दवाओं की बिक्री में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निर्देश देते हैं।
ऐसी छापेमारी पहले भी हो चुकी है, जैसे कि सितंबर 2022 में ऊंचाहार में ड्रग्स इंस्पेक्टर ने चार मेडिकल स्टोरों में छापेमारी कर दवाओं समेत उनके बिल वाउचर की जांच की थी और नोटिस जारी किया था ¹।