नेपाल-भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट
असम राज्य के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवैध बाल विवाह पर कार्रवाई के कारण लगभग 5,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
सुत्रो के मुताबिक, बाल विवाह के खिलाफ अभियान के तीसरे चरण में 21 और 22 दिसंबर को केवल 416 लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।
इस साल अब तक बाल विवाह के आरोप में कुल 5,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा, “हम इस सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए साहसिक कदम उठाएंगे।”
उन्होंने कहा, ”असम बाल विवाह के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रख रहा है।”
उन्होंने कहा कि रात भर छापेमारी की गई है और गिरफ्तार किए गए लोगों को रविवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भारत में 220 मिलियन से अधिक बाल दुल्हनें हैं, लेकिन इस सदी में बाल विवाह की संख्या में नाटकीय रूप से कमी आई है।
फरवरी 2023 में शुरू हुए उन्मूलन अभियान के दौरान असम राज्य ने हजारों लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें विवाहित जोड़ों के माता-पिता और कम उम्र में विवाह करने वाले रजिस्ट्रार भी शामिल हैं।
इसके साथ ही गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या अब 4,000 से अधिक हो गई है ।
शर्मा ने अपने राज्य में 2026 तक बाल विवाह को पूरी तरह से खत्म करने के लिए एक अभियान शुरू किया है।
भारत में विवाह के लिए कानूनी उम्र 18 वर्ष है, लेकिन लाखों बच्चों को, विशेषकर गरीब ग्रामीण इलाकों में, बाल विवाह के लिए मजबूर किया जाता है।
कई माता-पिता अपनी वित्तीय सुरक्षा में सुधार की उम्मीद में अपने बच्चों की शादी कर देते हैं।
बाल विवाह के कारण, भारतीय समाज में विवाहित लड़कियाँ अक्सर खाना पकाने और अन्य घरेलू कामों के लिए स्कूल छोड़ देती हैं।
शादी के बाद कम उम्र में बच्चों को जन्म देने पर उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
2017 में एक ऐतिहासिक फैसले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि नाबालिग के साथ यौन संबंध बनाना बलात्कार है।
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