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ज्ञान, संस्कृति और उल्लास का संगम बना एस एस इण्टरमीडिएट कॉलेज

वरिष्ठ संपादक डॉ. योगेन्द्र पाण्डेय की रिपोर्ट

बसंत पंचमी का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह न केवल ऋतुराज बसंत के आगमन का संकेत देता है, बल्कि माता सरस्वती की आराधना का भी विशेष दिन होता है। विद्या, संगीत और कला की देवी सरस्वती की उपासना इस दिन विशेष रूप से की गई।पीले वस्त्र धारण करना, पीले फूलों से पूजा करना और मीठे व्यंजन बनाना इस त्योहार की परंपरा है।
मालूम हो की नगर पंचायत परतावल वार्ड नम्बर 14 महात्मा गांधी नगर में एस एस इंटरमीडिएट कॉलेज में मनाया गया वार्षिक उत्सव वार्षिक उत्सव में मुख्य अतिथि पिपराइच के विधायक महेन्द्र पाल सिंह थे जिन्होंने माँं सरस्वती के फोटो पर माला पहना कर पुष्प अर्पित किया ।
महेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि आज के दिन हर शैक्षणिक संस्थानों में बड़े ही धूमधाम से बसन्त पंचमी का पर्व मनाया जाता है। और विद्यार्थी विद्या की देवी सरस्वती से बुद्धि, ज्ञान और कला में वृद्धि की प्रार्थना करते हैं। आज के दिन कई स्थानों पर सरस्वती पूजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन संध्या का आयोजन किया जाता है।

वार्षिक उत्सव संस्कृति और परंपराओं का संगम है
सामाजिक संगठनों और सांस्कृतिक समूहों द्वारा वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें छात्रों और समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी होती है।
इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएँ, नृत्य-संगीत कार्यक्रम, कला प्रदर्शन और नाटक प्रस्तुत किए गए।

एस एस इण्टर कॉलेज के प्रबंधक शिवेन्द्र सिंह ने पिपराइच विधायक महेन्द्र पाल सिंह को माला पहनाकर स्वागत किया। और कहा की वार्षिक उत्सव केवल मनोरंजन का साधन नहीं होता, बल्कि यह विद्यार्थियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें आत्मविश्वास प्रदान करने का भी माध्यम होता है। इस मौके पर शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के बीच आपसी संवाद भी मजबूत होता है।

इस वर्ष बसंत पंचमी और वार्षिक उत्सव का संयोग एक नए उत्साह और ऊर्जा को जन्म दिया। पीले रंग की छटा, भजन-कीर्तन और ज्ञान की ज्योति के साथ यह आयोजन एक यादगार पल बना।

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