रतन गुप्ता उप संपादक
दिल्ली विधानसभा चुनाव
दिल्ली में क्या फिर आम आदमी पार्टी जीत सकती है? एग्जिट पोल आने के बाद जो समीकरण सामने आ रहे हैं, उनमें से कई इसी ओर इशारा कर रहे हैं. इनमें से एक कांग्रेस का वोट ब..APP फिर जीतेगी दिल्ली? कांग्रेस का 9% वोट तो कुछ और ही इशारा कर रहाएग्जिट पोल से निकले कई आंकड़े आम आदमी पार्टी की ताकत की ओर भी इशारा करते हैं.हाइलाइट्सकांग्रेस का वोट बढ़ने का मतलब सिर्फ आम आदमी पार्टी का नुकसान नहीं.2015 और 2008 विधानसभा चुनाव के आंकड़े कुछ और कहानी कह रहे.तमाम एग्जिट पोल से बीजेपी को इतना भी खुश होने की जरूरत नहीं.एग्जिट पोल दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनने की ओर इशारा कर रहे हैं. लेकिन कुछ एग्जिट पोल ये भी बता रहे हैं कि कांग्रेस को 8.5 फीसदी से 9 फीसदी तक वोट मिल सकते हैं. एक्सपर्ट अनुमान लगा रहे है कि कांग्रेस अगर वोट काटेगी तो बीजेपी को फायदा होगा और आम आदमी पार्टी को नुकसान होने की संभावना है. लेकिन कहानी इससे उलट नजर आ रही है. 2015 और 2020 में हुए विधानसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो साफ लगता है कि जहां कांग्रेस को ज्यादा वोट मिले, वहां आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है.2015 के वोटों से समझिए खेलइसे आप ऐसे समझ सकते हैं. 2015 में जब कांग्रेस को 9.65% वोट मिले, तो 36 सीटों पर कांग्रेस के कैंडिडेट 10 हजार से ज्यादा वोट लेकर आए और 11 सीटें ऐसी थीं जहां 20000 वोट कांग्रेस लेकर आई थी. अनुमानों के हिसाब से यहां बीजेपी के कैंडिडेट को जीत मिलनी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. आप जानकर हैरान होंगे कि इनमें से सिर्फ 2 सीटें ही बीजेपी जीत पाई. बाकी की 45 सीटों पर आम आदमी पार्टी ने कब्जा कर लिया.2020 में क्या हुआकुछ ऐसा ही सीन 2020 में भी दिखा. तब कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी थी. उसे सिर्फ 4.63% वोट मिले थे और एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. लेकिन तब भी 8 सीटें ऐसी थीं, जहां कांग्रेस के कैंडिडेट 10 हजार वोट लेकर आए थे. अनुमानों के हिसाब तो यहां भी बीजेपी को जीत मिलनी चाहिए थी, क्योंकि कांग्रेस के कैंडिडेट को यहां ज्यादा वोट मिले थे. लेकिन हुआ इसके उलट. इन 8 सीटों में से 7 सीटें आम आदमी पार्टी जीत ले गई और सिर्फ एक ही सीट बीजेपी को मिली.कांग्रेस का वोट दोधारी तलवारइसलिए कांग्रेस के वोटों को अपना बता देना दोधारी तलवार पर चलने के बराबर है. क्योंकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि कांग्रेस किसका वोट काटेगी. क्या वो दलितों के वोट काटेगी या फिर मुसलमानों का वोट काटेगी. अगर कांग्रेस इन दोनों के वोटों में सेंधमारी करती है, तो निश्चित तौर पर बीजेपी को फायदा हो सकता है. क्योंकि दोनों ही वर्गों का बड़ी संख्या में वोट पिछले चुनावों में आम आदमी पार्टी को मिला है. लेकिन अगर कांग्रेस ये वोट नहीं काट रही है, तो कांग्रेस के जो वोट डबल हुए हैं तो वो बीजेपी के खाते से आए हैं. ऐसे में बीजेपी को नुकसान हो सकता है.
रतन गुप्ता उप संपादक