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आखिर भारत-बांग्लादेश की सीमा पर किस तरह चुनौतियों का सामना कर रही मोदी सरकार

रतन गुप्ता उप संपादक ——- सेंट्रल गवर्नमेंट ने बीते मंगलवार यानि 11 फरवरी, 2025 को लोकसभा में बताया कि इंडिया-बांग्लादेश की कुल 4,096.7 KM. की सीमा में से 864.5 KM. पर अभी बाड़ नहीं नहीं सकी. जिसमे 174.15 किमी. का क्षेत्र खाई वाला है. ये जानकारी तृणमूल कांग्रेस के सांसद दीपक अधिकारी के प्रश्न के लिखित जवाब में दी जा चुकी है. इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल के सांसद ने गृह मंत्रालय से बांग्लादेश के साथ सीमा से जुड़ी कुल जमीन का भी ब्योरा ले लिया है, बांग्लादेश के साथ सीमा को साझा करने वाले स्टेट्स का ब्यौरा, बांग्लादेश के साथ सीमा की कुल लंबाई का ब्यौरा और बांग्लादेश के साथ सीमा पर बाड़ न लगाने की वजहों के बारें में बात की गई थी.नित्यानंद राय ने कह डाली ये बात: इन प्रश्नों के उत्तर में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में इस बारें में बोला है कि, “भारत-बांग्लादेश सीमा की कुल लंबाई 4,096.7 किलोमीटर है.” उन्होंने इस बारें में बोला है कि बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले राज्य पश्चिम बंगाल (2,216.7 KM), असम (263 KM), मेघालय (443 KM), त्रिपुरा (856 KM) एवं मिजोरम (318 KM) हैं.क्यों नहीं हो पाया बाड़ लगाने का कोई भी काम?: इस बारें में केंद्रीय मंत्री ने बोला है कि, “भारत-बांग्लादेश सीमा की 864.5 किलोमीटर पर अभी भी बाड़ लगाई जाने वाली थी, जिसमें 174.5 KM की खाई वाला इलाका भी यहाँ मौजूद है.” अधूरी बाड़ लगाने के बारे में उन्होंने इस बारें में बोला है कि “बांग्लादेश के साथ सीमा दलदली भूमि और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों जैसी कठिन भू-भाग जैसी चुनौतियों के कारण आंशिक रूप से बिना बाड़ के बनी हुई है.” इतना ही नहीं अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा है कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की आपत्तियों, सीमित कार्य मौसम और भूमि अधिग्रहण में देरी की वजह से बाड़ लगाने का काम पूरा नहीं हो पाया. इससे पूर्व 4 फरवरी, 2025 को नित्यानंद राय ने लोकसभा को बताया था कि सीमा की सुरक्षा के लिए बाड़ लगाना एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाए भी है.

रतन गुप्ता उप संपादक

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