रतन गुप्ता उप संपादक———–उत्तर प्रदेश सरकार ने एजुकेशन सिस्टम में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक अहम पहल की है. अब टीचर्स और स्टूडेंट्स को एक मोबाइल एप के माध्यम से रोजाना अपनी अटेंडेंस लगानी होग.हाइलाइट्सउत्तर प्रदेश में टीचर्स और स्टूडेंट ऑनलाइन अटेंडेंस लगाएंगे.यूपी शिक्षा बोर्ड की तरफ से एक जुलाई से इसे लागू किया जाएगा.सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए यह निर्णय लिया गया है.उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद आज यानी एक जुलाई से एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है. 9वीं से 12वीं तक पढ़ने वाले छात्र और टीचर्स अब स्कूल में रजिस्टर के माध्यम से नहीं बल्कि ऑनलाइन अटेंडेंस लगाएंगे. यह नई व्यवस्था यूपी बोर्ड के अंतर्गत आने वाले करीब 30 हजार स्कूलों पर लागू होने जा रही है. शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल इंडिया को लेकर इसे ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य एजुकेशन सिस्टम में पारदर्शिता, डिसिप्लिन सहित फर्जी नामांकन पर रोक लगाना है.आज से UP के स्कूलों में मोबाइल एप से लगेगी स्टूडेंट-टीचर्स की हाजिरीमोबाइल एप से लगेगी अटेंडेंसउत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग का कहना है कि नई व्यवस्था के तहत सभी स्कूलों को एक विशेष पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से टीचर्स और स्टूडेंट्स की अटेंडेंस रजिस्टर करनी होगी. हर क्लास रूम और सेक्शन के हिसाब से टीचर और स्टूडेंट्स को इसमें अपनी अटेंडेंस भरनी होगी. इस सिस्टम में यह भी बताया जाएगा कि अगर कोई स्टूडेंट या टीचर अपसेंट रहता है तो ऐसी स्थिति में उनकी छुट्टी के प्रकार जैसे बीमारी, निजी कारण स्पष्ट रूप से दर्ज होगा. ऐसा न करने पर संबंधित टीचर व स्कूल स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह व्यवस्था स्कूलों में नियमितता और जवाबदेही सुनिश्चित करने केछात्रों को पूरी करनी होगी 75 परसेंट अटेंडेंसयूपी बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन छात्रों की उपस्थिति 75% से कम होगी, उन्हें बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. यह नियम फर्जी नामांकन और अनियमित उपस्थिति को रोकने के लिए लागू किया गया है, जो पहले से ही बोर्ड की एक बड़ी चुनौती रहा है. ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम से स्कूलों में वास्तविक उपस्थिति का सटीक डेटा उपलब्ध होगा, जिससे शिक्षा विभाग को निगरानी और नीति निर्माण में मदद मिलेगी.एजुकेशन सिस्टम में आएगा सुधारशिक्षकों को मोबाइल एप पर छात्रों के अंक अपलोड करने और सेल्फी के साथ रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. यह प्रणाली न केवल अटेंडेंस बल्कि शैक्षिक गुणवत्ता को भी बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम है. माना जा रहा है कि यूपी बोर्ड की यह पहल उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में तकनीकी सशक्तिकरण और अनुशासन को बढ़ावा देगी, जिससे छात्रों और शिक्षकों की जवाबदेही बढ़ेगी और शिक्षा प्रणाली
रतन गुप्ता उप संपादक