संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

काठमाण्डौ,नेपाल – पर्वतीय पर्यटन उद्यमियों के एक प्रमुख संगठन, ट्रेकिंग एजेंसीज़ एसोसिएशन ऑफ़ नेपाल (TAAN) ने कहा है कि नेपाल-चीन मितेरी पुल के बह जाने से कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
TAAN के महासचिव सोनम ग्यालज़ेन शेरपा ने एक बयान जारी कर कहा है कि मंगलवार सुबह लेहेंडे नदी में आई बाढ़ के कारण पुल बह जाने से कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
TAAN ने कहा है कि रसुवागढ़ी से सड़क मार्ग से चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित कैलाश मानसरोवर जाने वाले नेपाली और विदेशी तीर्थयात्री और पर्यटक मितेरी पुल के बह जाने के कारण तिब्बत में प्रवेश करने से वंचित हो रहे हैं।
उन्होंने चीन सरकार से तातोपानी, कोरोला, हिल्सा और अन्य चौकियों के माध्यम से लोगों के लिए मानसरोवर यात्रा हेतु माहौल बनाने हेतु तुरंत कूटनीतिक पहल करने का आग्रह किया है।
टीएएएन के अध्यक्ष सागर पांडे ने यह भी मांग की कि सरकार चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में प्रवेश करने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को वीज़ा प्रदान करे, क्योंकि यह आपदा कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा के मौसम की शुरुआत में आई थी।
उन्होंने विदेश मंत्रालय से नेपाल स्थित चीनी दूतावास के साथ राजनयिक पहल करने का भी अनुरोध किया है ताकि वीज़ा प्रक्रिया को तेज़, सरल और अधिक यात्री-अनुकूल बनाया जा सके और काठमाण्डौ में प्रतीक्षा कर रहे तीर्थयात्रियों के लिए जल्द से जल्द कैलाश यात्रा करने का माहौल बनाया जा सके।
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