संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री प्रो. मुहम्मद यूनुस ने भारत को 1,000 किलो आम भेजे हैं।
‘हरिभंगा’ किस्म के ये आम भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनयिक अधिकारियों और अन्य सरकारी प्रतिनिधियों को उपहार स्वरूप भेजे गए हैं। उत्तरी बांग्लादेश में पैदा होने वाले ये आम बेहद महंगे हैं।
सुत्रो ने बताया है कि बांग्लादेश से कुल 1,000 किलो आमों की पहली खेप भारत पहुँच गई है।
भारत के साथ संबंध सुधारने के प्रयास में यूनुस की इस कूटनीतिक कवायद को ‘आम कूटनीति’ कहा गया है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत की केंद्र सरकार के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा को भी हरिभंगा आम भेजे हैं।
बांग्लादेश में, हरिभंगा आम को प्रीमियम यानी उच्च गुणवत्ता वाली किस्म माना जाता है। अपनी उच्च गुणवत्ता के कारण भारत में इसकी काफी माँग है।
भारत स्थित बांग्लादेशी दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि यह उपहार सद्भावना के प्रतीक के रूप में भेजा गया है और सोमवार तक नई दिल्ली पहुँच जाएगा।
भारत को आम भेजने की परंपरा नई नहीं है। पिछली सरकारों ने भी इस परंपरा को कायम रखा है। लेकिन इस बार यह प्रयास इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि शेख हसीना की सरकार छात्रों के नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद गिर गई थी।
हसीना के पतन के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव कम हुआ है।
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही, बांग्लादेश सरकार ने पिछले साल सितंबर में भारत को हिल्सा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह कदम घरेलू बाजार में आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था।
भारत में, खासकर दुर्गा पूजा से पहले हिल्सा मछली की आपूर्ति महत्वपूर्ण मानी जाती है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में ‘हिल्सा कूटनीति’ के रूप में इसका विशेष स्थान रहा है।
शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद, इस मछली के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालाँकि, 21 सितंबर को बांग्लादेश ने प्रतिबंध हटा लिया और भारत को 3,000 टन हिल्सा के निर्यात की अनुमति दे दी।
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