*रतन गुप्ता उप संपादक——भारत और नेपाल के बीच 22 जुलाई को नई दिल्ली में गृह सचिव स्तर की अहम द्विपक्षीय वार्ता आयोजित हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भारत सरकार के गृह सचिव गोविंद मोहन ने किया, जबकि नेपाली प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई नेपाल सरकार के गृह सचिव गोकर्ण मणि द्वाडी ने की।बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग को और मजबूत बनाने पर बल दिया, विशेष रूप से सुरक्षा, सीमा प्रबंधन और आपराधिक मामलों में सहयोग को लेकर।आपराधिक मामलों में पारस्परिक सहयोग समझौतादोनों देशों ने आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहायता संबंधी समझौते (Mutual Legal Assistance Treaty – MLAT) के मसौदे को अंतिम रूप देने का स्वागत किया। यह समझौता दोनों देशों के बीच जटिल आपराधिक मामलों की जांच और अभियोजन में सहयोग को सुगम बनाएगा।प्रत्यर्पण संधि में संशोधन पर सहमतिबैठक में प्रत्यर्पण संधि को आधुनिक संदर्भ में अद्यतन करने पर भी सहमति बनी। दोनों पक्षों ने इस संशोधित संधि को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने की इच्छा जताई ताकि वांछित अपराधियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को तेज और प्रभावी बनाया जा सके।आगामी बैठक नेपाल मेंवार्ता के अंत में यह तय हुआ कि अगली गृह सचिव स्तरीय बैठक नेपाल में एक पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर आयोजित की जाएगी। भारत और नेपाल के बीच इस तरह की उच्च स्तरीय संवाद प्रक्रियाएं न केवल आपसी विश्वास को बढ़ाती हैं, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।क्यों महत्वपूर्ण है यह बैठक?भारत-नेपाल द्विपक्षीय संबंधों में मजबूतीयह बैठक दोनों देशों के बीच सुरक्षा, आपराधिक मामलों में सहयोग और सीमा प्रबंधन को लेकर आपसी विश्वास बढ़ाने का प्रयास है। नेपाल भारत का एक रणनीतिक और सांस्कृतिक रूप से घनिष्ठ पड़ोसी है, ऐसे में गृह मंत्रालय स्तर पर संवाद संबंधों को नई दिशा देता है।दोनों देशों ने आपसी आपराधिक मामलों में कानूनी सहयोग (Mutual Legal Assistance Treaty) के टेक्स्ट को अंतिम रूप दिया। इससे दोनों देशों में आपराधिक मामलों में सूचनाओं का आदान-प्रदान, साक्ष्य एकत्र करना और अपराधियों को पकड़ने में सहयोग आसान होगा।पुरानी प्रत्यर्पण संधि (Extradition Treaty) को संशोधित कर एक आधुनिक और प्रभावी समझौते की ओर बढ़ना, सीमा पार अपराध और आतंकवाद के विरुद्ध साझा लड़ाई को मजबूत करेगा।सीमा सुरक्षा और मैत्रीपूर्ण उपायों पर सहमतिभारत और नेपाल की खुली सीमा को लेकर समय-समय पर सुरक्षा चिंताएं उठती रही हैं। यह बैठक दोनों देशों को सीमा पर शांति बनाए रखने और आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद करेगी।भविष्य की बातचीत की दिशा तय हुईदोनों देशों ने यह भी सहमति दी कि अगली बैठक नेपाल में आपसी सहमति से तय तारीख पर होगी – यह संवाद को निरंतर बनाए रखने का वादा दर्शाता है।
भारत नेपाल के बीच गृह सचिव स्तर की हुई बैठक, जानिए किन अहम समझौतों पर बनी सहमति
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