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कितने रुपये में दबा दी जाती है एक बेटी की चीख? रायबरेली पूछ रहा है….. कहीं लेखपाल की पत्नी का मामला आगे कर, दुष्कर्म के आरोप से बचा रही है पुलिस?

डेस्क न्यूज – रायबरेली से विशेष रिपोर्ट

दुष्कर्म की साजिश पर सियासत हो रही है या सिस्टम सड़ चुका है? पुलिस का रोल सवालों में क्यों है?

सीधे मुख्यमंत्री तक जाने की चेतावनी – लेकिन पुलिस अब भी चुप ……

अगर पुलिस पर भरोसा टूट जाए, तो महिलाएं कहाँ जाएं?
ये सवाल सिर्फ़ एक पीड़िता का नहीं, पूरे समाज का है। रायबरेली के चक मलिक भीटी गांव में जो हुआ, वो सिस्टम के चेहरे पर कालिख है।

रायबरेली। पुलिस ने लेखपाल को बचाने के लिए सभी कानून,नियम को ताख़ पर रख दिया। दुष्कर्म के प्रयास की नही दर्ज की रिपोर्ट और लेखपाल को बचाने के लिए उसकी पत्नी का विवाद आगे कर दिया। जिसका नतीजा है कि पीड़ित महिला को समुचित न्याय नही मिल रहा है।

 मामला थाना क्षेत्र के चक मलिक भीटी गांव का है । जहां ऊंचाहार तहसील में तैनात और उक्त गांव निवासी लेखपाल पंकज वर्मा रिंकू लोध और एक अन्य व्यक्ति पर गांव की ही एक महिला ने 10 जुलाई 2025 को दुष्कर्म का प्रयास और मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई तो पुलिस ने तहरीर बदलकर  इस पूरे मामले को मात्र मारपीट की धाराओं में पंजीकृत कर दिया। जिसकी महिला ने पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से इसकी शिकायत दर्ज करवाई।

जबकि इससे पूर्व यही थाने की पुलिस पर लेखपाल की पत्नी विजय लक्ष्मी ने अपने न्याय के लिए मुख्यमंत्री ,तमाम अधिकारियों और  महिला आयोग में अपनी गुहार लगाई थी सभी अधिकारियों तक अपनी तमाम जनसूचनाएं और शिकायती पत्रों में थाने की मनमानी और अपनी फरियाद भेजी। तब जाकर उसे उसकी ससुराल में सुरक्षा व्यवस्था के साथ रहने की अनुमति मिली।

लेकिन शायद उच्चाधिकारियों से लगातार थाने की पुलिस की शिकायतों का नतीजा यह निकल रहा है की गांव की एक अन्य महिला ने लेखपाल पंकज वर्मा , रिकू लोध और एक अन्य व्यक्ति पर दुष्कर्म का प्रयास और मारपीट की तहरीर दी तो पुलिस ने उसकी तहरीर बदलकर अब इस आरोप में आरोपी लेखपाल पंकज वर्मा की पत्नी के मामलो को भी इस मामले से लपेट दिया।

जबकि लेखपाल पंकज वर्मा की पत्नी विजय लक्ष्मी वर्मा का कहना है की सालों से उसने गांव में अपने ससुराल वालो की प्रताड़ना और दो बार बीच गांव में जब पंकज वर्मा और उसके घरवालों ने पीटा तब उसे बचाने कोई नही आया और अब जब वह अपनी ससुराल में सुरक्षित है और थाने की पुलिस का सहयोग मिल रहा है। ससुराल के लोग भी कुछ नही बोलते है तो कोई अपने परिवार की इज्जत क्यों उछलेगा।

विजय लक्ष्मी का कहना है की जिस दिन थाने की पुलिस महिला आयोग की टीम के साथ आई थी उसी रात की यह घटना बताई जा रही है । पुलिस सही ढंग से मामले की जांच नही कर रही है और पूरे मामले को मेरी तरफ मोड़ रही है।उसका यह भी कहना है की दुष्कर्म के मामले को दबाने के लिए डलमऊ की पुलिस उसको भी बदनाम परेशान और फासने का साजिश कर रही है। जिससे पहले से ही लेखपाल के दबाव में काम कर रही पुलिस उसको उसकी ससुराल से निकलवा सके।

लेकिन विजय लक्ष्मी ने यह भी कहा की इसकी जानकारी लिखित तौर पर उच्च अधिकारियों को दे दी गई और यदि थाने की पुलिस का रवैया न बदला तो अब सीधे मुख्यमंत्री के समक्ष पेश होकर उन्हें सारे मामले से अवगत कराया जाएगा।

क्राइम मुखबिर न्यूज़ – अपराध की तह तक !

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