नेपाल – भारत सीमा संवाददाता जीत बहादुर चौधरी की रिपोर्ट

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी के मध्य में हुए घातक कार विस्फोट को एक “गंभीर साजिश” करार दिया है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का संकल्प लिया है।
सोमवार को ऐतिहासिक लाल किले के पास हुए विस्फोट में कम से कम आठ लोग मारे गए और 19 से ज़्यादा घायल हो गए।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि भारत के सबसे प्रतिष्ठित स्मारकों में से एक, लाल किले के पास हुए विस्फोट के कारण और प्रकृति की जाँच चल रही है।
भूटान की राजकीय यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए मोदी ने कहा, “मैं सभी को आश्वस्त करता हूँ कि संबंधित एजेंसियाँ पूरी साजिश की तह तक पहुँचेंगी। इस घटना में शामिल सभी लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”
यह 22 अप्रैल के बाद से भारत में सबसे बड़ी सुरक्षा घटना है। एक दिन पहले, भारत प्रशासित कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 हिंदू नागरिक मारे गए थे। तब से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है।
सोमवार के विस्फोट से कुछ घंटे पहले, भारतीय पुलिस ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद और अल-कायदा की कश्मीर शाखा अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद से जुड़े एक गिरोह के सदस्यों की गिरफ़्तारी और विस्फोटकों व असॉल्ट राइफलों की बरामदगी की घोषणा की थी।
दोनों समूहों को भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नई दिल्ली में एक सम्मेलन में कहा कि जाँच एजेंसियाँ “गहन और गहन जाँच में लगी हुई हैं” और जाँच के नतीजे जल्द ही सार्वजनिक किए जाएँगे।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों को दोहराते हुए कहा, “इस दुखद घटना के दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा, उन्हें कड़ी सज़ा दी जाएगी।”
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी राजा बंठिया ने कहा कि पुरानी दिल्ली के भीड़भाड़ वाले इलाके में हुए विस्फोट की जाँच आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत की जा रही है।
नई दिल्ली के उप अग्निशमन प्रमुख एके मलिक ने कहा कि आठ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने मृतकों की संख्या 12 होने का अनुमान लगाया है, हालाँकि इस आंकड़े की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
भारत सरकार ने इस घटना को पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जोड़ा है।
पाकिस्तान ने इन आरोपों से इनकार किया है। अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद मई में दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच गोलीबारी, तोपखाने और ड्रोन हमलों की एक श्रृंखला हुई, जिसमें 70 से ज़्यादा लोग मारे गए। उसके बाद ही युद्धविराम स्थापित हुआ।
भारतीय राजधानी में आखिरी बड़ा आतंकी हमला सितंबर 2011 में हुआ था, जब हाईकोर्ट के बाहर एक ब्रीफकेस में छिपाकर रखे गए बम में विस्फोट हुआ था।
दिल्ली में हुए हालिया विस्फोट को तब से अब तक की सबसे गंभीर सुरक्षा चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
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