गोरखपुर संवाददाता जितेंद्र यादव की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ की कार्ययोजना वर्ष 2024-25 के क्रियान्वन के क्रम में तथा माननीय जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर तेज प्रताप तिवारी के कुशल निर्देशन में आज लिंग चयन और लिंग निर्धारण के निषेध पर जन जागरुकता एवं कन्या भ्रूण हत्या और बालिकाओं के प्रति भेदभाव विषय पर विधिक साक्षरता / जागरूकता शिविर का आयोजन राजकीय महिला शरणालय घण्टाघर गोरखपुर में किया गया। अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गोरखपुर विकास सिंह द्वारा राजकीय महिला शरणालय, घण्टाघर, गोरखपुर का औचक निरीक्षण किया गया तथा साथ ही साथ उपस्थित संवासिनियों को उक्त विषय पर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया गया कि लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम, 1994 एक ऐसा अधिनियम है जो कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए लागू किया गया है। इस अधिनियम ने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोई भी व्यक्ति जो प्रसव पूर्व गर्भाधान लिंग निर्धारण का विज्ञापन करता है या ऐसे किसी भी कार्य में संलग्न होता है तो उसे तीन साल तक कैद की सजा का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त संवासिनियों से उनके स्वास्थ्य आदि के बारे में पूछा गया किसी के द्वारा किसी भी प्रकार की समस्या से अवगत नही कराया गया। समक्ष आयी कमियों के सुधार हेतु प्रभारी को निर्देशित किया गया कि वह शरणालय की नियमित रूप से साफ-सफाई करवाते रहे एवं यदि किसी संवासिनी को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता की आवश्यकता हो तो उनकी प्रार्थना पत्र तैयार कराकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में उपलब्ध करावे।
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